जयपुर। जल जीवन मिशन (जेजेएम) (Jal Jivan Mission) के तहत ‘घर—घर नल कनेक्शन’ में प्रदेश के विशेष श्रेणी के जिलों और वर्गों को प्राथमिकता मिलेगी। इसके साथ ही अधिकारी जिलेवार लक्ष्यों के आधार पर उनकी नियमित मॉनिटरिंग करेंगे। इसके लिए जलदाय विभाग के एसीएस सुधांश पंत शनिवार को निर्देश जारी किए। पंत ने जल भवन में जेजेएम के तहत रेग्यूलर विंग और मेजर प्रोजेक्ट में स्वीकृत परियोजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में जेजेएम में अब तक कवरेज से वंचित गांवों और ढाणियों की डीपीआर तैयार करने के शेष कामों को भी जल्दी पूरा करने के निर्देश दिए।
बैठक में पंत ने कहा कि डीपीआर तैयार करने से लेकर प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति तथा तकनीकी स्वीकृतियों से लेकर निविदा व कार्यादेश जारी करने के कार्यों को समानांतर संचालित करते हुए एक-एक दिन की बचत करने की ‘प्रोएक्टिव एप्रोच’ को अपनाया जाए। प्रदेश में जल जीवन मिशन के लक्ष्यों को निर्धारित समय सीमा में पूरा करने के लिए फील्ड में सभी अधिकारी दिन-प्रतिदिन निर्णय लेते हुए समय की बचत करें। बैठक में उन्होंने राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति में अनुमोदित ग्रामीण पेयजल परियोजनाओं को नीति निर्धारण समिति, वित्त समिति और वित्त विभाग में भेजकर आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा करने के भी निर्देश दिए। पंत ने सपोर्ट गतिविधियों की समीक्षा करते हुए ग्राम पंचायत स्तर पर सरपंच और वार्ड पंच की सक्रिय भूमिका से विलेज एक्शन प्लान बनाने, ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति की बैठकों के नियमित आयोजन और सदस्यों के प्रशिक्षण जैसे कार्यों में जन सहभागिता में वृद्धि के भी निर्देश दिए।