पेड़-पौधे लगाने के बाद उनका संरक्षण करना अनिवार्य
रजत शर्मा ने कहा कि जिस प्रकार शरीर को पोषण के लिए भोजन की आवश्यकता होती है, ठीक उसी प्रकार पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिए पेड़-पौधों की आवश्यकता होती है। पेड़-पौधे पर्यावरण की अशुद्धियों को सोख लेते हैं और हमें शुद्ध प्राणदायिनी वायु देते हैं। इसकी निरंतरता बनाए रखने के लिए हमें अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाने चाहिए। पेड़-पौधे लगाने के बाद उनका संरक्षण करना भी बहुत अनिवार्य है।
अरुण गोस्वामी ने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत पौधों की जानकारी और उनके महत्त्व पर चर्चा से हुई। विशेषज्ञों ने पौधों की सही तरीके से देखभाल और उन्हें संरक्षित करने के तरीकों पर प्रकाश डाला। समीर ने कहा कि इस कार्यक्रम ने स्थानीय समुदाय के बीच पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। उपस्थित लोगों ने इस पहल की सराहना की और आगे भी ऐसे कार्यक्रमों में हिस्सा लेने की प्रतिबद्धता जताई।
एक पेड़ सैकड़ों जिंदगियां बचाने में सक्षम
संगीत मोटा ने कहा कि पेड़-पौधे हमारे जीवन में महत्त्वपूर्ण स्थान रखते हैं। इनसे पृथ्वी पर ऋतु चक्र बना रहता है। ऋतु चक्र को संतुलित बनाए रखने के लिए अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाना और उनका संरक्षण करना अनिवार्य है। हमें पौधे का पेड़ बनने तक बच्चों की तरह संरक्षण करना चाहिए। पौधा पेड़ बनकर हमें फल देता है। वहीं एक पेड़ सैकड़ों जिंदगियां बचाने में सक्षम होता है।
अंत मे टीम के सदस्य रोहित यादव ने कहा कि हमारा लक्ष्य केवल पौधे लगाना नहीं है, बल्कि उन्हें संरक्षित करना और उनकी देखभाल करना भी है। हम सभी को मिलकर पर्यावरण की रक्षा के लिए प्रयास करना चाहिए। नवल किशोर ने सभी का आभार प्रकट किया। इस अभियान मे पंकज डंगोरीया, राहुल शर्मा, नवीन कुमार, कुणाल कश्यप, सुरेश गुर्जर, निकिता वर्मा, रानु वर्मा, सागर शर्मा, करण गुर्जर, मुनेश सैनी, अजय कुमार, काजल शर्मा, गौरव शर्मा, पूजा, भारती, निया मोटा आदि उपस्थित थे।