वीर सावरकर को लेकर शिक्षा मंत्री और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के बयान पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस वोट बैंक की राजनीति के आधार पर काम करती है। इससे पहले भी उनकी सरकार केंद्र या राज्य में होती तो पाठ्यक्रम में महापुरुषों को बताने में उनका प्रयोग होता है। देर से आए लेकिन अब उन्होंने कम से कम यह तो स्वीकार किया कि सावरकर का देश के स्वतंत्रता में योगदान था। डोटासरा ने यह बयान कहीं ना कहीं नैतिक दबाव में दिया है।
पूनियां ने कहा कि आरएसएस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टारगेट करना तो उनकी आधुनिक राजनीति का एक हिस्सा है। उनको लगता है कि यह सब करने से उनको माइलेज मिलता है। यह सब बयान एक एजेंडे के तहत दिए गए बयान है। राष्ट्रवाद पर काम करने वाले लोगों पर वह बयान देते हैं तो नेहरु—गांधी खानदान खुश होता है, इसलिए वह ऐसे बयान देते हैं। पूनियां ने कहा कि वीर सावरकर की तारीफ तो आज नहीं तो कल उनको करनी ही पड़ेगी। देश का बड़ा वोट बैंक उनसे अलग हो चुका उसे राज्य करने के लिए ऐसी एक लीपापोती की कवायद हो सकती है। कांग्रेस ने लगातार बहुसंख्यक को की वायदाखिलाफी का काम किया, इसलिए आज इस स्तर पर है ऐसे बयानों से उनको कोई फायदा नहीं होने वाला हैं।