सरकार गिराने के लिए विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त के बाद गहलोत-पायलट की खुलकर सामने आई गुटबाजी ने प्रदेश की सियासत को गर्माया हुआ है। इस बीच अब प्रमुख विरोधी दल भाजपा में भी अंदरूनी गुटबाजी के संकेत मिलने लगे हैं। यही वजह है कि पार्टी के प्रदेश कार्यालय से लेकर दिल्ली स्थित केन्द्रीय संगठन में भी हलचलें देखी जा रही हैं।
वसुंधरा के बाद नड्डा से मिले गजेन्द्र !
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से शुक्रवार को राजस्थान भाजपा के दो दिग्गज नेताओं ने एक के बाद एक मुलाक़ात की। प्रदेश में जारी सियासी उठापटक के बीच एक ही दिन पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने नड्डा से अलग-अलग मुलाकातें कीं। दोनों नेताओं की राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुलाकातों के अब कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से शुक्रवार को राजस्थान भाजपा के दो दिग्गज नेताओं ने एक के बाद एक मुलाक़ात की। प्रदेश में जारी सियासी उठापटक के बीच एक ही दिन पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने नड्डा से अलग-अलग मुलाकातें कीं। दोनों नेताओं की राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुलाकातों के अब कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
सामने आया कि राजे ने नड्डा से प्रदेश संगठन से जुड़े कई विषयों पर चर्चा की है, जबकि शेखावत की नड्डा से मुलाक़ात जल शक्ति मंत्रालय की एक पुस्तिका भेंट करने के सिलसिले में हुई। सूत्रों की माने तो नड्डा और शेखावत के बीच बंद कमरे में राजस्थान की सियासी उठापठक के सन्दर्भ में भी बातचीत हुई है। हालांकि इस बारे में अभी तक केंद्रीय मंत्री की ओर से कोई वक्तव्य नहीं आया है।
बेहद अहम् हैं मुलाकातें
दरअसल, राजे और शेखावत की नड्डा से अलग-अलग मुलाकातों को मौजूदा परिस्थितियों में बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। राजे की पिछले कई दिनों से चुप्पी जहां चर्चा का विषय बनी हुई है वहीं शेखावत पर गहलोत सरकार गिराने के लिए विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त के संगीन आरोप तक लगे हैं। वहीँ राजे और शेखावत के बीच पहले से चली आ रही अदावत भी किसी से छिपी नहीं है।
दरअसल, राजे और शेखावत की नड्डा से अलग-अलग मुलाकातों को मौजूदा परिस्थितियों में बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। राजे की पिछले कई दिनों से चुप्पी जहां चर्चा का विषय बनी हुई है वहीं शेखावत पर गहलोत सरकार गिराने के लिए विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त के संगीन आरोप तक लगे हैं। वहीँ राजे और शेखावत के बीच पहले से चली आ रही अदावत भी किसी से छिपी नहीं है।
नड्डा-राजे के बीच करीब डेढ़ घंटे बातचीत
जानकारी के अनुसार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बीच लगभग डेढ़ घंटे तक बातचीत हुई। इस दौरान राज्य की मौजूदा सियासत और प्रदेश पार्टी में अंदरूनी तकरार सहित कई मुद्दों पर चर्चा हुई। सूत्रों के अनुसार राजे ने नड्डा को राजस्थान के कुछ नेताओं की सियासी चाल के कारण पार्टी को हो रहे नुकसान की बात कही।
जानकारी के अनुसार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बीच लगभग डेढ़ घंटे तक बातचीत हुई। इस दौरान राज्य की मौजूदा सियासत और प्रदेश पार्टी में अंदरूनी तकरार सहित कई मुद्दों पर चर्चा हुई। सूत्रों के अनुसार राजे ने नड्डा को राजस्थान के कुछ नेताओं की सियासी चाल के कारण पार्टी को हो रहे नुकसान की बात कही।
सूत्रों के अनुसार राजे ने भाजपा समर्थित रालोपा सांसद हनुमान बेनीवाल की उन्हें लेकर की गई टिपण्णी पर भी नाराजगी जताई है। उन्होंने पार्टी के कुछ बड़े नेताओं के इशारे पर सहयोगी दलों के नेताओं की हिम्मत बढाने और संगठन में अंदरूनी दरार पैदा करने की हो रही कोशिशों का भी ज़िक्र किया। बताया जा रहा है कि राजे ने नड्डा से साफ कहा कि स्वाभिमान से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
शेखावत ने बताई ‘अपनी उपलब्धियां’
इधर वसुंधरा राजे की मुलाक़ात के दिन ही केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने भी राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा से मुलाक़ात की। उन्होंने नड्डा को जल शक्ति मंत्रालय द्वारा प्रथम वर्ष में अर्जित उपलब्धियों एवं प्रयासों से अवगत कराती पुस्तिका “जल शक्ति-जन शक्ति” भेंट की। इस दौरान दोनों के बीच कई मसलों पर चर्चा हुई। राजस्थान की गरमाई सियासत और वसुंधरा राजे की मुलाक़ात के दरम्यान हुई दोनों नेताओं की मुलाक़ात के सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं।
इधर वसुंधरा राजे की मुलाक़ात के दिन ही केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने भी राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा से मुलाक़ात की। उन्होंने नड्डा को जल शक्ति मंत्रालय द्वारा प्रथम वर्ष में अर्जित उपलब्धियों एवं प्रयासों से अवगत कराती पुस्तिका “जल शक्ति-जन शक्ति” भेंट की। इस दौरान दोनों के बीच कई मसलों पर चर्चा हुई। राजस्थान की गरमाई सियासत और वसुंधरा राजे की मुलाक़ात के दरम्यान हुई दोनों नेताओं की मुलाक़ात के सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं।