जयपुर

महाराणा प्रताप को महान स्वीकार नहीं करना देश के बलिदानियों का अपमान: वासुदेव देवनानी

महारणा प्रताप और अकबर की महानता विवाद में प्रदेश के दो मंत्रियों के बाद अब पूर्व शिक्षा मंत्री और विधायक वासुदेव देवनानी कूद गए हैं।

जयपुरJan 04, 2019 / 08:55 am

Santosh Trivedi

sikar

जयपुर। महारणा प्रताप और अकबर की महानता विवाद में प्रदेश के दो मंत्रियों के बाद अब पूर्व शिक्षा मंत्री और विधायक वासुदेव देवनानी कूद गए हैं। उनका कहना है कि शासक के तौर पर अकबर को पढ़ाया जा सकता है, लेकिन महान तो महारणा प्रताप ही है। प्रताप से अकबर की तुलना नहीं की जा सकती। साथ ही उन्होंने शिक्षा को लेकर कांग्रेस पर तुष्टिकरण का आरोप लगाया और पूछा कि कांग्रेस नेताओं को भगवा रंग से तकलीफ क्यों है।
 

भाजपा सरकार के समय शिक्षा मंत्री रहते हुए अकबर महान नहीं महाराणा प्रताप कहकर इस विवाद को जन्म देने वाले विधायक वासुदेव देवनानी ने मीडिया से कहा कि महाराणा प्रताप को महान स्वीकार नहीं करना देश के बलिदानियों का अपमान करना और देशद्रोह है। शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा के प्रताप की महानता को स्वीकार करने से संकोच करना दुर्भाग्यपूर्ण है। वीर-वीरांगना किसी पार्टी के नहीं होते, उनको भगवाकरण कहना अपमान है।
 

भगवा से क्यों चिढ़ते हैं
देवनानी ने कहा कि कांग्रेस नेताओं को भगवा से चिढ़ क्यों है, यह समझ नहीं आता। त्याग और बलिदान का प्रतीक यह रंग तिरंगे में है। उन्होंने सरकारी लेटर हैड से दीनदयाल उपाध्याय का फोटो हटाने को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया।
 

मुख्यमंत्री करें अपना रुख स्पष्ट
उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि राष्ट्र व राज्य की अस्मिता को ताक में रखकर काम कर रही है। देवनानी ने अकबर को पहले आक्रांता कहा, लेकिन जब उनसे सवाल किया कि देशभर में अकबर को महान ही पढ़ाया जाता है तब देवनानी बोले कि अकबर को शासक के तौर पर पढ़ाया जाना स्वीकार किया जा सकता है, लेकिन महान तो प्रताप ही थे। कांग्रेस के दो मंत्रियों में प्रताप को लेकर विवाद है, ऐसे में मुख्यमंत्री को सरकार का पक्ष स्पष्ट करना चाहिए। उन्होंने शिक्षा के बंटाधार के आरोप का जवाब खुद के कार्य गिनाकर दिया।

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