अपने आप बंद होेंगे दरवाजे
अभी वैष्णो माता मंदिर तक पहुंचने के लिए 170 सिढ़ियां चढ़कर जाना पड़ता है। रोप—वे शुरू होने के बाद भक्तों की राह आसान हो जाएगी। रोप—वे का संचालन सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक किया जाएगा। यह प्रदेश का पहला स्वचालित रोप-वे है। इसमें 12 केबिन (ट्रॉली) होंगे। एक केबिन में छह लोग बैठ सकेंगे व सेंसर लगा होने के कारण दरवाजे ऑटोमैटिक बंद हो जाएंगे।
बच्चों का किराया 75 रुपए
रोप वे का किराया प्रति व्यक्ति 150 रुपए रखा गया है। वहीं पांच साल तक के बच्चों का किराया 75 रुपए रखा गया है। वर्तमान में अन्नपूर्णा मंदिर से वैष्णो माता मंदिर तक श्रद्धालुओं को 121 सीढ़ियां चढ़कर जाना होता है। इसमें 15 मिनट का समय लगता है। रोप-वे से यह दूरी चार मिनट में ही पूरी हो सकेगी। प्रत्येक घंटे में 700-800 श्रद्धालु रोप-वे में सफर कर सकेंगे।
शहर का विहंगम दृश्य भी निहार सकेंगे
रोप—वे संचालन की पूरी तैयारियां कर ली गई है। इससे पहले रोप—वे की सुरक्षा आदि की पूरी जांच कर ली गई है। रोप—वे राइड को बीच में दो बार रोका जाएगा, ताकि श्रद्धालु शहर का विहंगम दृश्य निहार सकें। श्रद्धालु 360 डिग्री यानि चारों तरफ के नजारे देख सकेंगे। रोप-वे के लिए अलग से ट्रांसफार्मर लगाया है। बिजली गुल होने पर जनरेटर से पावर सप्लाई कर इसका संचालन सुचारू रखा जाएगा। रोप-वे पर एलइडी लाइट्स भी लगाई गई हैं। रात्रि के समय यहां आकर्षक रोशनी होगी।