जयपुर। डीएनए परीक्षण करने वाली प्रदेश की एकमात्र एफएसएल में वैज्ञानिकों के 9 में से 8 पद खाली हैं। इससे 84 संगीन मामलों में दो साल से डीएनए परीक्षण अटका हुआ है। अब राज्य सरकार मेडिकल कॉलेजों में भी परीक्षण शुरु कराने की तैयारी कर रही है।
बारा—अटरू विधायक पानाचंद मेघवाल ने बजट सत्र में गृह विभाग से प्रश्न पूछा था, जिसका अब जवाब आया है। मेघवाल ने डीएनए परीक्षण में देरी की ओर सरकार का ध्यान दिलाते हुए लंबित प्रकरणों के शीघ्र निस्तारण का मुद्दा उठाया था। इसके जवाब में गृह विभाग ने बताया है कि डीएनए परीक्षण के लिए प्रदेश में एफएसएल जयपुर ही एकमात्र प्रयोगशाला है। इस प्रयोगशाला में प्रयोगशाला सहायक से लेकर वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी व सहायक निदेशक स्तर तक 11 पद हैं, जिनमें से 9 पद खाली चल रहे हें।
जवाब से यह हुआ खुलासा
— डीएनए सेल के खाली पदों को सीधी भर्ती से भरा जाएगा
— डीएनए प्रकरणों के निस्तारण में तेजी के लिए आउटसोर्सिंग से परीक्षण कराने की तैयारी
— प्रदेश से बाहर की लैब में भी डीएनए टेस्ट करवाए जाएंगे
— प्रदेश के मेडिकल काॅलेज में डीएनए परीक्षण की कार्यवाही विचाराधीन
— विशेष कार्ययोजना के तहत सीरम एवं जैविक सेल के अधिकारी—कर्मचारी भी अटैच होंगे
विधायक मेघवाल की चिंता
संगीन अपराधिक मामलो अनुसंधान में डीएनए टेस्ट की महत्वपूर्ण भूमिका है। लम्बित प्रकरणो के निस्तारण मे देरी से पीडित को न्याय मिलने में विलंब होता हैं। जल्द से जल्द एफएसएल प्रयोगशाला के रिक्त पदो को भरा जाए। मेडिकल काॅलेज में डीएनए परीक्षण शुरु हो, जिससे समस्या का समाधान संभव है।
Hindi News / Jaipur / वैज्ञानिकों बिना 84 संगीन मामलों में डीएनए परीक्षण अटका