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सरसों किसान निराश, भावों में असमंजस, अगली बिजाई पड़ेगा फर्क
दाम नहीं मिलने के कारण किसान घटा सकता है बिजाईकिसानों को पिछले साल सोयाबीन सीड की कीमत 9500 रुपए प्रति क्विंटल मिल रही थी, जिसके भाव वर्तमान में 4500 रुपए प्रति क्विंटल रह गए हैं। इसी प्रकार रबी की प्रमुख फसल सरसों का भाव गत वर्ष किसानों को 8500 रुपए प्रति क्विंटल मिला था, जो कि घटकर वर्तमान में 6000 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास रह गया है। चतर ने कहा कि यदि ट्रेड की समस्याओं का शीघ्र समाधान नहीं किया गया तो किसान इस बार सरसों की अपेक्षित बिजाई नहीं करेगा। कुईट और मोपा ने सरकार से मांग की है कि सरसों, सोयाबीन, सोया तेल और क्रूड पाम तेल का वायदा व्यापार शीघ्र शुरू करना चाहिए। इससे किसानों, उपभोक्ताओं एवं उद्योग जगत को राहत मिल सकेगी तथा केन्द्र सरकार के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी।
यह है उद्योग की मांगे 1. तेल व तिलहनों पर वर्तमान में लागू स्टॉक सीमा तुरंत प्रभाव से हटाई जाए 2. एनसीडैक्स पर तेल-तिलहनों का बंद पड़ा वायदा बाजार जल्द ही शुरू किया जाए
3. तेल-तिलहनों पर स्टॉक सीमा होने के कारण देश की 60 फीसदी तेल इकाईयां एवं ट्रेडिंग हाऊस बंद पड़े हैं, जबकि तेल की कीमतों में इन दिनों भारी गिरावट आई है। 4. भारतीय वायदा व्यापार में खाद्य तेल-तिलहन वायदा प्रतिबंधित होने से बाजार प्रतिभागी अपने मूल्य जोखिम प्रबंधन से भी वंचित रह गए हैं।
5. जब देश में वायदा बाजार पर प्रतिबंध लगा, तो विदेशी बाजारों की तेजी के कारण हाजिर बाजार में भी तेजी देखने को मिली। 7. पूरे विश्व में सभी कृषि जिंसों में वायदा कारोबार चालू