पीएम मोदी ने दीं शुभकामना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के जन्मदिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं दीं हैं। अपने आधिकारिक ट्विटर पेज पर ट्वीट करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, ”जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं, राजस्थान में वसुंधरा जी के अच्छे काम से राज्य में पर्याप्त प्रगति सुनिश्चित हुई है।”
राजे के जीवन में राजघराने से लेकर सियासत तक का सफर बेहद ही दिलचस्प है। आये जानते हैं राजे से जुडी 10 दिलचस्प बातें:- – वसुन्धरा राजे सिंधिया राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री हैं। वे राजस्थान की पहली महिला मुख्यमंत्री हैं।
– वे ग्वालियर राजघराने की पुत्री हैं। उनके पिता का नाम जीवाजीराव सिन्धिया और माँ का नाम विजयाराज सिन्धिया है। वो मध्य प्रदेश के कांग्रेस नेता माधव राव सिंधिया की बहन हैं। उनका विवाह धौलपुर के एक जाट राजघराने में हुआ। उनका पुत्र दुष्यंत सिंह का विवाह गुर्जर राजघराने में निहारिका सिंह के साथ हुआ।
– वसुंधरा ने प्रेजेंटेशन कॉन्वेंट स्कूल से प्रारम्भिक शिक्षा पूरी करने के बाद सोफिया महाविद्यालय, मुंबई यूनिवर्सिटी से इकॉनॉमिक्स और साइंस आनर्स से ग्रेजुएशन किया। – वसुन्धरा राजे ने अपने जीवन का पहला चुनाव सन 1984 मे मध्यप्रदेश के भिड़ लोकसभा क्षेत्र से लडा था जिसमे उनकी हार हुई। उस वक्त पूरे देश में इंदिरा गांधी की हत्या की वज़ह से काग्रेस के पक्ष मे सहानुभूति लहर चल रही थी और इसी का फायदा उठा काग्रेस के प्रत्याशी कॄष्णा सिंह ने राजे को लगभग 88 हज़ार वोट से हरा दिया था।
– राजे को 1984 में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल किया गया था। 1985-87 के बीच राजे भाजपा युवा मोर्चा राजस्थान की उपाध्यक्ष रहीं। 1987 में वसुंधरा राजे राजस्थान प्रदेश भाजपा की उपाध्यक्ष बनीं।
– उनकी कार्यक्षमता, विनम्रता और पार्टी के प्रति वफादारी के चलते 1998-1999 में अटलबिहारी वाजपेयी मंत्रिमंडल में राजे को विदेश राज्यमंत्री बनाया गया। वसुंधरा राजे को अक्टूबर 1999 में फिर केंद्रीय मंत्रिमंडल में राज्यमंत्री के तौर पर स्वतंत्र प्रभार सौंपा गया। भैरोंसिंह शेखावत के उपराष्ट्रपति बनने के बाद उन्हें राजस्थान में भाजपा राज्य इकाई का अध्यक्ष बनी।
– झालरापाटन बना ‘गढ़’: 1985-90 (8वीं राजस्थान विधानसभा), 2003-08 (12वीं राजस्थान विधानसभा), 2008-13 (13वीं राजस्थान विधानसभा), 2013 (14वीं राजस्थान विधानसभा), 2018 (15वीं राजस्थान विधानसभा), में अपने प्रतिद्वंदियों को हराते हुए लगातार विधायक बनी रहीं।
– वहीं 1989-91 (9वीं लोकसभा), 1991-96 (10वीं लोकसभा), 1996-98 (11वीं लोकसभा), 1998-99 (12वीं लोकसभा), 1999-03 (13वीं लोकसभा) के दौरान सांसद रहीं। – वसुंधरा राजे के राजनीतिक जीवन पर इतिहासकार विजय नाहर की लिखी पहली पुस्तक ‘वसुंधरा राजे और विकसित राजस्थान’ प्रभात प्रकाशन, दिल्ली द्वारा प्रकाशित हुई और सर्वप्रथम राज्यपाल कल्याण सिंह को भेंट की गई।
– वसुंधरा राजे की गिनती सख्त छवि के प्रशासक के रूप में है। उसी तरह वे सख्ती से राजनीति करने के लिए भी जानी जाती हैं। अक्सर उनकी शर्तों के आगे केंद्रीय नेतृत्व को ही समझौता करना पडता है।