दरअसल, भ्रष्टाचार को लेकर ईडी की कार्रवाई पर चौधरी बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि जब भ्रष्टाचार को लेकर इन पर कार्रवाई होती है तो सीएम गहलोत तिलमिला जाते हैं। उन्होंने उदाहरण दिया कि जब बंदरी को बिच्छू खा जाता है तो उसके क्या हालात होते हैं। वह एक पेड़ से दूसरे पेड पर उछल-कूद करने लग जाती है और उसकी हालत खराब हो जाती है। वैसे ही हालात अशोक गहलोत के होंगे। एक—दो जगहों पर ईडी की कार्रवाई पर गुस्से से बोलने लगे। अभी तक बंदरियों को बिच्छू खाना शुरू करेंगे तो बाग उजाड़ेंगे। किसी को नहीं छोड़ेंगे। इसी दौरान उनके मुंह से निकल गया कि भ्रष्टाचार करने वाले मोदीजी जब सत्ता में आए तो उन्होंने कहा था कि ना खाउंगा ना खाने दूंगा।
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बोलना था एनपीएस, बोल गए ओपीएस
मंत्री कैलाश चौधरी ने सीएम अशोक गहलोत को घेरने और योजनाओं को फ्लॉप साबित करने को लेकर बोल रहे थे, लेकिन जल्दबाजी में वो गलत बोल गए। चौधरी ने बोल दिया कि ओपीएस कांग्रेस ही लाई थी, जब यूपीए की सरकार थी और ओपीएस इन्होंने ही लागू किया था। उस वक्त मुख्यमंत्री अशोक गहलोत थे। हालांकि मंत्री चौधरी कहना चाहते थे कि एनपीएस कांग्रेस की देन है।
सीपी जोशी बोले, गहलोत का डर निकल रहा है
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से ED को लेकर दिए बयान पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जैसे अनुभवी और सीनियर नेता इस प्रकार के शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं। यह कहीं न कहीं उनका डर है जो निकल रहा है। उनको डर सता रहा है कि अब तक जो काला चेहरा छुपा के रखा हुआ था, वह जनता के सामने आने वाला है। जोशी ने सवाल खड़े किए कि अगर मुख्यमंत्री इतने ही ईमानदार हैं तो डर किस बात का है।