केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने शनिवार को मीडिया में बयान जारी कर कहा कि
अशोक गहलोत जी क्या कहते हैं, मुझे समझ नहीं आता है। मुझे समझ नहीं आता कि उनकी राजनीति का आधार ध्रुवीकरण है। हमेशा देखा गया कि एक खास वर्ग उनके पक्ष में खड़ा रहता है। उनके शासन में भी यह एक अलग विषय है, लेकिन हम सांप्रदायिक सद्भाव बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।
गहलोत क्यों कर रहे हैं राजनीति?
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार की प्राथमिकता है कि सबका साथ सबका विकास, यह पीएम मोदी का भी नारा है। लेकिन, गहलोत यह कह रहे हैं कि नरेंद्र मोदी ने दरगाह पर चादर चढ़ाई है, जिसके लिए बीजेपी कार्यकर्ताओं ने याचिका दायर की है। लेकिन, वे पहले से ही चादर चढ़ा रहे हैं। ये थोड़ा ताजा विषय है। पीएम मोदी हर साल चादर भेजते हैं, इसलिए गहलोत को समझना चाहिए। आखिर अशोक गहलोत राजनीति क्यों कर रहे हैं?
अशोक गहलोत ने दिया था ये बयान
अजमेर शरीफ दरगाह में शिव मंदिर के दावे पर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तीन दिन पहले बयान जारी कर कहा था कि एक कानून पारित किया गया था कि 15 अगस्त 1947 तक बने विभिन्न धर्मों के पूजा स्थलों पर सवाल नहीं उठाए जाएंगे। भाजपा-आरएसएस की सरकार बनने के बाद से ही कुछ लोग धर्म के नाम पर राजनीति कर रहे हैं। सभी चुनाव ध्रुवीकरण करके जीते जा रहे हैं। गहलोत ने कहा था कि सत्ता में बैठी सरकार की जिम्मेदारी है कि वह विपक्ष को साथ लेकर चले और विपक्ष के विचारों का सम्मान करे, जो वे नहीं कर रहे हैं। आरएसएस हिंदुओं को एकजुट नहीं कर पा रहा है और उन्हें देश में भेदभाव को खत्म करने के लिए अभियान चलाना चाहिए।
अशोक गहलोत ने कहा था कि देशभर से लोग अजमेर दरगाह पर प्रार्थना करते हैं, यहां तक कि पीएम मोदी सहित सभी प्रधानमंत्री अजमेर दरगाह पर चादर चढ़ाते हैं। वे भी चादर चढ़ा रहे हैं और उनकी पार्टी के लोग अदालतों में जाकर भ्रम पैदा कर रहे हैं। किस तरह का संदेश फैलाया जा रहा है? जहां अशांति है, वहां विकास नहीं हो सकता।