एक-दो पूर्व अध्यक्षों ने उसकी गोपनीय स्तर पर जांच भी कराई थी। हालांकि दो-तीन साल में रहे स्थाई और कार्यवाहक अध्यक्षों ने उसकी सेवा नहीं ली थी। आरएएस 2018 के घूसकांड में पकड़े गए आरोपियों ने कई कोड वर्ड बना रखे थे। उन्होंने सैटिंग के लिए ऊंट जय भवानी, बादाम, केले जैसे कोड वर्ड तय कर रखे थे।
पहले ही कटारा की भूमिका उजागर
बाबूलाल कटारा की पेपर लीक में संदिग्ध भूमिका मामले की शुरूआत में ही उजागर हो गई थी। यह भी खुलासा हो गया था कि कटारा से शेर सिंह लगातार सम्पर्क में था तथा उसी ने शेरसिंह को पेपर के सम्बंध में जानकारी दी है। इसके बावजूद कटारा को इंटरव्यू कमेटी से नहीं हटाया गया।
बाबूलाल कटारा ने लिया उपनिरीक्षक साक्षात्कार
बाबूलाल कटारा ने उपनिरीक्षक भर्ती के लिए भी लगातार साक्षात्कार ले रहा था। जनवरी से अब अप्रेल तक जारी सब इंस्पेक्टर भर्ती-2021 के विभिन्न साक्षात्कार बोर्ड में शामिल हुआ था। इसके अलावा बीते साल में सहायक आचार्य मेडिकल शिक्षा और अन्य भर्तियों के साक्षात्कार भी लिए। सातवें दौर के 17 अप्रेल से शुरू हुए साक्षात्कार में उसे शामिल नहीं किया गया है।
मामा-भांजे की जोड़ी कैसे पहुंची शेर सिंह के पास
मामा बाबूलाल, भांजा विजय की जोड़ी शेरसिंह के नजदीक कैसे आई, यह जांच की अहम कड़ी है। एसओजी इसी नेटवर्क को खंगाल रही है। शेरसिंह और विजय की कटारा के अजमेर और डूंगरपुर आवास पर आवाजाही, ड्राइवर गोपाल से मुलाकात जैसे कई बिंदू एसओजी के रडार पर हैं।