Chhath Pooja 2024: उगते सूर्य को अर्घ्य देकर भावी जीवन में सुख-समृद्धि के लिए की कामना
लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा के चौथे दिन शुक्रवार कार्तिक शुक्ल सप्तमी पर शहर में उत्सव जैसा माहौल रहा। बिहार व पूर्वांचल के प्रवासियों ने सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर भावी जीवन में सुख-समृद्धि के लिए भगवान भास्कर से प्रार्थना की।
सूर्योदय से पहले ही व्रतियों ने जलाशयों में प्रवेश किया और डुबकी लगाने लगी शुरू कर दी थी। सुबह गलता, मावठा, जयसिंहपुरा खोर, दुर्गा विस्तार कॉलोनी समेत कई जगहों पर सूर्य उदय होने से पहले घुटने तक पानी में खड़े होकर व्रतधारियों ने सूप, बांस की डलिया में मौसमी फल, नारियल, गन्ना सहित पूजन सामग्री और गाय के दूध से भगवान सूर्य को अर्घ्य देना शुरू कर दिया। इस दौरान व्रतियों ने पूजा स्थलों पर छठी मैया के गीतों से बिहार की संस्कृति को साकार किया।
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मंगलवार को नहाय खाय के साथ शुरू हुए छठ महोत्सव का आज सुबह सूर्य को अर्घ्य देने के बाद पारण (भोजन) के साथ समापन हो गया।
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बिहार समाज संगठन की ओर से छठ पूजा का आयोजन हसनपुरा रोड एनबीसी के पीछे दुर्गा विस्तार कॉलोनी में हुआ। राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी सुरेश पंडित ने बताया कि हजारों की संख्या में प्रवासियों ने भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर सामूहिकता का परिचय दिया।
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श्री सार्वजनिक छठ पूजा बिहार समाज समिति, ब्रह्मपुरी की ओर से ब्रह्मपुरी स्थित पौंडरिक उद्यान में सार्वजनिक छठ पूजा का आयोजन हुआ।
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इस मौके पर समिति के अध्यक्ष संजीव सहानी, उपाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह, कोषाध्यक्ष भवानी यादव, समिति के उपेंद्र कुमार महतो समेत अन्य पदाधिकारियों ने पूजन कर सूर्यदेव को अर्घ्य दिया।
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आमेर स्थित मावठा में सात साल बाद छठ पूजा हुई। मैथिल परिषद के तत्वावधान में व्रतियों ने आज सुबह मावठा में छठ पूजा की। मैथिल परिषद के अध्यक्ष दिलीप कुमार झा के नेतृत्व में व्रतियों ने छठ पूजा की। करीब 7 साल बाद पूजा की अनुमति मिलने से मैथिली समाज के लोगों में उत्साह नजर आया।