जयपुर। रूस-यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग बढ़ती ही जा रही है। बीते पांच दिन से यूक्रेन की सेना और आम नागरिक रूस को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। हालांकि अब रूस ने आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। इसी कड़ी में रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव के पास सैन्य वाहनों का लंबा चौड़ा काफिला खड़ा कर दिया है। वहीं यूक्रेन में फंसे भारतीयों की परेशानियां और बढ़ती जा रही हैं। अभी भी यूक्रेन में हजारों की संख्या में भारतीय फंसे हैं, जिनमें राजस्थान के स्टूडेंट्स भी शामिल हैं। यूक्रेन की राजधानी कीव में रह रहे भारतीयों के लिए बड़ा अलर्ट जारी किया गया है। यूक्रेन में भारतीय दूतावास की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है। कहा गया है कि सभी भारतीय आज ही यूक्रेन की राजधानी कीव को हर हाल में छोड़ दें। इस एडवाइजरी के बाद पहले से ही परेशान भारतीयों की परेशानी और भी बढ़ गई है। हालांकि केंद्र सरकार अपने नागरिकों को स्वदेश लाने के लिए पूरी कोशिशों में जुटी है। यूक्रेन संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की है। सूत्रों के मुताबिक, इस मुलाकात का उद्देश्य राष्ट्रपति को यूक्रेन संकट से संबंधित सभी मुद्दों की जानकारी देना था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय वायु सेना से भी इस अभियान में जुड़ने के लिए कहा है। इसके तहत वायु सेना के कई C-17 विमान आज ऑपरेशन गंगा के तहत उड़ान शुरू कर सकते हैं और यूक्रेन में फंसे भारतीयों को सुरक्षित स्वदेश लाने में सहयोग करेंगे।
शरीर को भाप बना देते हैं वैक्यूम बम दूसरी ओर रूस ने यूक्रेन पर हमले तेज कर दिए हैं। यूक्रेन का आरोप है कि रूस वैक्यूम बम का उपयोग कर रहा है। वैक्यूम बम को थर्मोबैरिक हथियार के रूप में भी जाना जाता है। यह शरीर को वाष्पीकृत कर सकते हैं और आंतरिक अंगों को नष्ट कर देता है। यह एक उच्च तापमान विस्फोट उत्पन्न करता है। विस्फोट के दौरान यह आस-पास के वातावरण की ऑक्सीजन का उपयोग कर लेता है। इतना ही नहीं अन्य विस्फोटकों की तुलना में यह काफी लंबी अवधि तक विस्फोट तरंगे उत्पन्न करता है। यह अब तक विकसित सबसे शक्तिशाली गैर-परमाणु हथियारों में से हैं।