पूनिया ने कहा कि एनआईए और केन्द्र की एजेन्सी तभी आती है तब स्थानीय प्रशासन, राज्य सरकार, पुलिस नाकाम हो जाती है और उदयपुर की इस घटना से शायद एनआईए का अपना एक संकेत है कि ये घटना केवल एक, दो या तीन व्यक्ति की नहीं है, इसके तार कहीं तक जाएंगे, कोई कह नहीं सकता, क्योंकि राजस्थान में कांग्रेस सरकार के शासन में जो सहूलियत अपराधियों को मिली हुई है, इस तरह के राज में अपीजमेंट की राजनीति हो रही है, जिस राज में पुलिस मेे राजनीतिक दखल से नियुक्तियां होती हों, जिस राज में पुलिस के बेड़े को आधुनिकीकरण के लिए संसाधन के लिए कोई सोच नहीं हो तो ऐसी परिस्थिति मेे वहां की पुलिस नाकाम हो जाती है।
राज्य का पुलिस प्रशासन और सरकार कमजोर हो जाती है तो सबसे पहले कोई दोषी हैं तो वो राजस्थान के गृहमंत्री और मुख्यमंत्री हैं, जिन पर जन सुरक्षा की नैतिक जिम्मेदारी थी पर ये अफसोस है कि वो टविटर के जरिये शांति और सदभाव की अपील करके प्रधानमंत्री के बारे में ये कहते हैं कि उनको आगे आना चाहिए, तो भाई आप पीछे क्यों हो, राजस्थान की जिम्मेदारी तो आपके जिम्मे है।