दो साल पुराना आईवीसी फिल्टर बिना ऑपरेशन निकाला
दो साल पुराना आईवीसी फिल्टर बिना ऑपरेशन निकाला- महात्मा गांधी अस्पताल में हुआ कार्डियोवैस्कुलर प्रोसीजर
Two year old IVC filter removed without operation
Jaipur सीतापुरा स्थित महात्मा गांधी अस्पताल में महुआ निवासी 31 वर्षीय शंकर दयाल शर्मा के दिल में लगे हुए 2 साल पुराने फिल्टर को निकालकर राहत दी गई। हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ. रामानंद सिन्हा ने बताया कि सामान्यतया यह फिल्टर लगाए जाने के छह माह में निकाल दिया जाता है। अब तक एक साल पुराना फिल्टर निकाले जाने की जानकारी है, पर यह मामला 2 साल पुराना है। सिन्हा ने बताया कि रोगी को 2 साल पहले पांव की नस में थक्का जमने की वजह से रुकावट आ गई थी। थक्के के कुछ टुकड़े खून के साथ में फेफड़ों में भी पहुंच गए थे। इससे रोगी को सांस में दिक्कत आने लगी थी। खून के थक्के को फेफड़ों में जाने से रोकने के लिए 2 साल पहले ’इंट्रावेनस कावा- आईबीसी फिल्टर लगाया गया था जो कि एक छलनी का काम करता है। इसके बाद रोगी को खून का थक्का गलाने की दवाई दी गई थी। इससे कुछ समय बाद थक्का खत्म हो गया था। ऐसी स्थिति में फिल्टर को निकालना जरूरी होता है।
जानलेवा साबित हो सकता है
उन्होंने बताया कि जिस स्थान पर मीटर लगाया गया था, उस इनफीरियर वीनस कावा के जरिए शरीर के निचले हिस्से से खून को हार्ट तक पहुंचाया जाता है। यदि यह बाधा बन जाता है रोगी के लिए जानलेवा साबित हो सकता था। डॉ. सिन्हा ने बताया कि 2 साल पहले लगाए गए इस फिल्टर को चारों ओर से नसों में जकड़ रखा था। इसे निकालना जोखिम भरा काम था इससे नसों के कटने फटने की संभावना भी थी। अब रोगी को स्वस्थ होने पर आज घर भेज दिया गया।
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