मामला रविवार सुबह चार बजे का है। जब जयपुर में एयरपोर्ट थाना पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर दो नेपाली महिलाओं का रेस्क्यू किया। दोनों महिलाओं की दुबई में तस्करी की जा रही थी। मिशन मुक्ति फाउंडेशन के डायरेक्टर वीरेंद्र सिंह ने बताया कि मूल रूप से दोनो महिलाएं नेपाल की रहने वाली है। नौकरी के नाम पर नेपाल से दोनों महिलाओं को चोरी छिपे दिल्ली भेजा गया। जहां एक होटल में 7 दिन तक छुपा कर रखा गया। फिर चोरी-छिपे जयपुर भेजा गया। जयपुर एयरपोर्ट से दोनों महिलाओं को दुबई भेजा जा रहा था। लेकिन देश में हो रही मानव तस्करी को लेकर काम कर रही एक एनजीओ से डीसीपी ईस्ट राजीव पचार को नेपाली महिलाओं के जबरन दुबई भेजे जाने की सूचना मिली। पुलिस ने मुस्तैदी दिखाते हुए दोनों महिलाओं को रेस्क्यू कर लिया गया।
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अब तक मिली जानकारी के अनुसार सामने आया है कि खुद नेपाल से आई यह महिलाओं ने अपने भाई को इसकी सूचना दी थी। सूचना के बाद भाई ने एसएसबी में कार्यरत एक इंस्पेक्टर मनोज कुमार गुप्ता को सूचना दी। सूचना के बाद एनजीओ मिशन मुक्ति फाउंडेशन नेपाल एंबेसी और इमीग्रेशन टीम और जयपुर पुलिस की मदद से दोनों महिलाओं को सकुशल छुड़ा लिया गया।
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बताया जा रहा है कि महिलाएं नेपाल से नौकरी लगाने का झांसा देकर दिल्ली भेजी गई थी। लेकिन यहां आने के बाद पता चला कि उन्हें दिल्ली में नहीं रखकर गलत काम के लिए दुबई भेजा जा रहा है। जैसे इस बात की जानकारी नेपाली महिला को मिली तो उसने अपने भाई से संपर्क किया। महिला को हिंदी नहीं आती थी। ना ही उसके पास दिल्ली जयपुर में किसी जानकार के नंबर थे। ऐसे में उसने अपने भाई को फोन किया।
जयपुर एयरपोर्ट पर रेस्क्यू करने के बाद दोनों महिलाओं से इमीग्रेशन टीम, जयपुर पुलिस, नेपाल एंबेसी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए काउंसलिंग की। काउंसलिंग के दौरान पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ। काउंसलिंग में सामने आया कि नेपाल में रहने वाली एक महिला के संपर्क में ये महिलाएं आई थी। तस्करी करवा रही सरगना के बारे में अब जयपुर पुलिस और नेपाल एंबेसी जानकारी जुटा रही है।