जयपुर

राजधानी में बढ़ रहा है डॉग होम स्टे का ट्रेंड , एसी रूम , स्विमिंग पूल , ग्रूमिंग की मिल रही है सुविधा

जयपुर शहर में ऐसे लोगों की संख्या बढ़ रही है जो अपने घरों में पालतू जानवर पाल रहे है। इसी के साथ डॉग केयर के बिजनेस का चलन भी रफ्तार ले रहा है। जिन लोगों के घरों में पालतू होते है उन्हें बाहर जाते समय यही फिक्र रहती है की उनके पेट्स की देखभाल कैसे होगी।

जयपुरJun 29, 2023 / 08:45 am

Shaily Sharma

जयपुर शहर में ऐसे लोगों की संख्या बढ़ रही है जो अपने घरों में पालतू जानवर पाल रहे है। इसी के साथ डॉग केयर के बिजनेस का चलन भी रफ्तार ले रहा है। जिन लोगों के घरों में पालतू होते है उन्हें बाहर जाते समय यही फिक्र रहती है की उनके पेट्स की देखभाल कैसे होगी। बहुत बार वे पालतू को आस -पड़ोस में या रिश्तेदारों के यहां छोड़ कर जाते है या कई बार अपनी ट्रिप कैंसिल कर देते है। लेकिन अब शहर के क्षेत्रों में डॉग हॉस्टल शुरू हो गए है जहां एक साथ कई डॉग्स रह रहे है। यहां डॉग को बिलकुल घर जैसी सुविध मिलती है और वह एक आरामदायक माहौल में रहता है। पौष्टिक आहार खिलाया जाता है ,सैर करवाई जाती है साथ ही नियमित जांच के लिए चिकित्सक भी आते है। ज्यादातर हॉस्टल में एक साथ 12 से 13 डॉग्स को रखा जाता है। ज्यादातर हॉस्टल में 500 से 600 रुपए प्रतिदिन शुल्क लिया जाता है।

वीडियो कॉलिंग से मालिक लेते है डॉग की जानकारी
2 साल से मानसरोवर में डॉग हॉस्टल चला रहे गजराज सिंह बताते है कि लोग डॉग को 1 दिन से लेकर एक डेढ़ महीने तक भी हॉस्टल में छोड़कर जाते है। कई ऐसे लोग भी है जो काम पर जाते समय डॉग्स को होम स्टे में देखरेख के लिए छोड़ कर जाते है। पूरे हॉस्टल में सीसीटवी कैमरे भी लगे हुए है।हॉस्टल में आने से पूर्व डॉग का पूरा रजिस्ट्रेशन किया जाता है।आने वाले डॉग की एंट्री से लेकर खाने -पीने की टाइमिंग से लेकर आउटिंग और चेकआउट टाइमिंग भी लिखी जाती है। डॉग की देखभाल के लिए 24 घंटे केयरटेकर मौजूद रहते है। अपने मालिक की याद आने पर डॉग को वीडियो कॉल के माध्यम से उनसे जोड़ा जाता है। छुट्टियों के सीजन में कई लोग स्टे में डॉग के लिए एडवांस बुकिंग करवा रहे है।

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यह मिल रही हैं सुविधाएं
डॉग्स के लिए एसी ,नॉन एसी रूम के साथ स्विमिंग पूल भी बनाया गया है। तीनों टाइम पौष्टिक आहार दिया जाता है जैसे चावल ,दूध -रोटी ,ब्रेड और अंडा। इसके अलावा नॉनवेज भी मिलता है। साथ ही कई हॉस्टल में डॉग्स के लिए प्ले हब भी बनाएं गए है जहां वे अन्य डॉग्स के साथ मिलकर खेलते है।

घर जैसा मिलता है प्यार
वैशाली नगर निवासी रोनिका जांगिड़ ने बताया कि इवेंट के कामकाज के लिए वे अक्सर शहर से बाहर जाती है। उनकी पेट डॉग हॉस्टल में बेहद खुश रहती है। नियमित तौर पर खाना खाती है ,खेलती है और वीडियो कॉल के जरिये संपर्क में रहती है। अक्सर वे डॉग को 3 से 4 दिन के लिए हॉस्टल में छोड़ कर जाती है लेकिन कभी ज्यादा समय लगता है तो भी वह निश्चिंत रहती है क्योंकि हॉस्टल में डॉग को बेहद प्यार से रखा जाता है।
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सुविधाजनक माहौल में रहता है डॉग
मानसरोवर निवासी अपूर्वा गुप्ता ने बताया कि वह पीएचडी कर रही है ऐसे में वह अपने डॉग की देखभाल नहीं कर पाती है। उन्हें बहुत बार शहर के बाहर भी जाना पड़ता है लेकिन हॉस्टल की सुविधा होने से वे बेहद खुश है। उनका डॉग वहां एक आरामदायक माहौल में रहता है। उसको नियमित तौर पर ग्रूमिंग क्लासेज भी दी जाती है , कई प्रकार की गतिविधियां करवाई जाती है जिस से हॉस्टल में डॉग का मन लगा रहता है।

इन इलाकों में चल रहे है हॉस्टल
मोहाना रोड मानसरोवर
एमआई रोड
सोडाला
वैशाली नगर
जोठवाड़ा

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