उधर, हादसे के बाद पूरे इलाके में अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया। आसपास के गांवों और ढाणियों से बड़ी संख्या में लोग घटनास्थल पर पहुंचने लगे और प्रशासन के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान मृतकों के परिजनों को २० लाख रुपए की आर्थिक मदद और आश्रित को सरकारी नौकरी देने की मांग को लेकर मृतकों के शव नहीं उठाए गए। शाम को सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों को १० लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की गई, जिसके बाद परिजनों ने शव मौके से उठाए।
देर रात तक एसएमएस अस्पताल में 15 घायलों का इलाज जारी था। वहीं, कुछ घायल स्थानीय अस्पताल में भर्ती है। मौके पर दम तोड़ चुकी महिलाओं का पोस्टमार्टम बुधवार को निम्स अस्पताल में होगा। जबकि तीन अन्य का एसएमएस अस्पताल की मोर्चरी में पोस्टमार्टम होगा।
स्थानीय लोगों ने बताया कि गुर्जरों की ढाणी निवासी भैरूराम गुर्जर की दो बेटी तारा व मीरा की देवउठनी के अबूझ सावे पर शादी थी। दोपहर को भैरूराम के ससुराल पक्ष के लोग खोरी से भात भरने आए थे। इस दौरान उन्हें स्वागत द्वार पर स्वागत कर घर के बाहर लगे शामियाना में लाया जा रहा था कि पास ही लगा ट्रांसफॉर्मर धमाके के साथ फट गया।
ट्रांसफॉर्मर से निकले ऑयल के फव्वारों से चारों तरफ आग जल उठी, जिससे बच्चों सहित कई झुलस गए। पुलिस ने बताया कि चेहरे बुरी तरह से झुलसने व परिजनों की हालत ठीक नहीं होने से अभी तक मृतकों की शिनाख्त पूरी तरह से नहीं हो सकी है। हादसे के चलते देर रात तक बारात नहीं आई।
शाहपुरा हादसे में घायल हुए एक महिला धूरी नौ माह की गर्भवती है। चिकित्सकों के अनुसार उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है। गर्भवती महिला के नवजात को बचाने का प्रयास किया गया, लेकिन चिकित्सक नवजात को नहीं बचा पाए।
घायलों की जानकारी लेने के लिए मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सर्राफ आदि अस्पताल पहुंचे और घायलों की जानकारी ली।