Traffic Jam in Jaipur : शहर में ठेला माफिया ऐसा है कि किसी के पास 20 ठेले हैं तो किसी के पास सौ। ठेला माफिया बाहरी राज्यों के लोगों को दिहाड़ी के हिसाब से ठेला व उसमें बेचने वाली सामग्री उपलब्ध करवा रहे हैं। कई के पास तो 100 से अधिक ठेले हैं, जो अपने-अपने क्षेत्र में अलग-अलग जगह सड़क रोककर खड़ा करवाते हैं। शहर में इन दिनों रोज 30 से 50 नए ठेले बाजार में आ रहे हैं।
Heavy traffic in Jaipur : नगर निगम की कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति हो रही है। निगम जाप्ता पहुंचने से पहले ही ठेला माफिया के पास सूचना पहुंच जाती है और वे ठेलों को वहां से हटा देते हैं। नगर निगम की टीम निकलने के बाद फिर से ठेले सड़क पर पहुंच जाते हैं। जबकि नगर निगम वीडियोग्राफी करवाकर ऐसे ठेलों के खिलाफ पुख्ता कार्रवाई कर सकता है।
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– टोंक रोड स्थित लक्ष्मी मंदिर तिराहा को ट्रैफिक लाइट सिग्नल फ्री करने के लिए अंडरपास बनाया गया लेकिन करोड़ों खर्च कर बनाए अंडरपास के रास्ते पर ठेलों ने कब्जा कर लिया है।
– वैशाली नगर में आम्रपाली सर्कल के आस-पास ठेलों के कारण रास्ता अवरुद्ध हो जाता है और जाम लगा रहता है।
– विद्याधर नगर में नेशनल हैंडलूम के आस-पास सड़क पर ठेलों का जमावड़ा लगा रहता है।
– घाट की गूणी में जाते समय ठेलों की भरमार है, वहीं गलता तीर्थ जाने वाले मार्ग के आस-पास भी इनकी भरमार रहती। ट्रांसपोर्ट नगर चौराहा पर भी ठेलों के कारण वाहनों को रेंग रेंगकर चलना पड़ता है।
– डिग्गी रोड स्थित मालपुरा गेट के आस-पास भी इनकी संख्या अधिक है। टोंक पुलिया से बजाज नगर कट की तरफ जाने वाली सड़क पर रोज शाम से रात तक जाम लगा रहता है।
जयपुर हैरिटेज सिटी थड़ी ठेला यूनियन के अध्यक्ष बनवारीलाल शर्मा का कहना है कि 50 वर्ष से ठेला लगाकर रोजी रोटी कमाने वाले को बेदखल नहीं किया जा सकता। उसे तो प्रोत्साहित करने का प्रावधान है। वेंडिंग जोन में शिफ्ट करने से पहले निगम कार्रवाई भी नहीं कर सकता। लेकिन दोनों ही नगर निगम मनमानी कर रहे हैं। हजारों की संख्या में ठेले किराए पर दिए जा रहे हैं। जो स्ट्रीट वेंडर एक्ट में अपराध भी है। ऐसे थड़ी-ठेलों ने पूरे शहर की सूरत बिगाड़ रखी है।