जयपुर

स्वर्ण पदक विजेता 19 साल की अवनि का ये सच क्या जानते हैं आप… दंग रह जाएंगे…

टोक्यो पैरालंपिक्स में भारत की 19 साल की अवनि लखेरा ने शूटिंग में गोल्ड मेडल जीत लिया है।

जयपुरAug 30, 2021 / 10:57 am

JAYANT SHARMA

जयपुर
महज तीन साल की उम्र से ही शुरु की गई तपस्या का फल आखिर अवनि और देश, दोनो को गोल्ड के रुप में मिला है। गोल्डन गर्ल के नाम से फेमस अवनि ने गोल्ड भेद दिया और अपना देश की झोली में डाल लिया। टोक्यो पैरालंपिक्स में भारत की 19 साल की अवनि लखेरा ने शूटिंग में गोल्ड मेडल जीत लिया है। अवनि ने महिलाओं के 10 मीटर एयर राइफल के क्लास एसएच1 में यह कारनामा किया है। अवनि के 19 साल के इस पूरे सफल पर अगर आप नजर डालेगें कि लक्ष्य भेदने के लिए अवनि ने क्या क्या किया है।
तीन साल की उम्र में निशानेबाजी करने लगी थी, गोल्डन गर्ल कही जाने लगी
जयपुर में रहने वाली अवनि ने तीन साल से ही निशानेबाजी शुरु कर दी थी। उसके बाद पांच साल में वह छोटी प्रतियोगिताएं जीतने लगी और यह सिलसिला पढाई के साथ ही लगातार चलता रहा। फिर स्कूल, जिला और राज्य स्तर पर भी लगातार प्रतियोगिताओं में माता-पिता की मदद से भाग लिया और लगातार गोल्ड को भेदती गई। इस कारण उसे गोल्डन गर्ल भी कहा जाने लगा। अवनि के परिजनों का कहना था कि उसका एक पूरा कमरा अलग-अलग प्रतियोगिताओं के गोल्ड मैडल से भरा हुआ है। वहीं वह ज्यादातर समय बिताती है।
उम्र का बारहवां साल आया और सारे सपनों को ग्रहण लगाया गया, लेकिन उसे जीतना था
तीन साल की उम्र से शुरु होने वाला निशानेबाजी का सफर चलता रहा और अवनि आगे बढ़ती रही। पिता प्रवीण और मां श्वेता को अवनि में बड़ा निशानेबाज दिखने लगा। लेकिन उम्र का बारहवां साल आया और एक हादसे में अवनि के शरीर के निचले हिस्से में लकवा मार गया। व्हीलचेयर पर आ गई अवनि अब भविष्य के बारे में सोचकर परेशान होने लगी। इस समय माता-पिता ने हौंसला बढ़ाया और निशानेबाजी के सफर को जारी रखने के लिए अवनि को बूस्ट किया। इसी का परिणाम रहा कि निशानेबाजी लगातार जारी रही फिर चाहे व्हीलचेयर ही क्यों ना हो…। लगातार पदक और तमगों को हासिल कर अवनि ने 2021 में होने वाले पैरालंपिक का टिकिट कटाया।
कोरोना ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन पिता को पता था कि अवनि को क्या चाहिए
2021 में जारी पैरालंपिक से पहले जब कोरोना ने शूटिंग रेज जाना छुड़ा दिया तो अवनि फिर से परेशान रहने लगी। लेकिन पिता प्रवीण को पता था कि बेटी को क्या चाहिए….। उन्होनें घर पर ही शूटिंग रेंज सा इतजाम कर दिया। कई जगहों पर टारगेट सेट किए जो शूटिंग रेज से भी ज्यादा कठिन थी। लेकिन अवनि उनको भेदती गई और आज उसने टोक्यो में गोल्ड को भी भेद दिया। पूरे देश को अवनि पर गर्व है।

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