राजस्थान के थर्मल पावर प्लांट में एक से चार दिन का ही कोयला बचा है। छत्तीसगढ़ में आवंटित खदान से भी खनन शुरू नहीं हो पा रहा है। ऐसे में कोयले की कमी के कारण प्रदेश में बिजली संकट के हालात पनप सकते हैं। सीएम भजनलाल शर्मा ने इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए ऊर्जा मंत्री के साथ दिल्ली पहुंचे। इसके अलावा नए पावर प्लांट को लेकर भी चर्चा संभव है। गौरतलब है कि सीएम लगातार सस्ती बिजली उत्पादन पर जोर देते रहे हैं। राजस्थान पत्रिका लगातार प्रदेश के पावर प्लांट में कोयले की कमी और बिजली संकट को लेकर खबर प्रकाशित करता रहा है।
बिजली उपभोक्ताओं को लगेगा बड़ा झटका, प्रदेश में बिजली उत्पादन के लिए गहराया कोयला संकट
अभी यह स्थिति
– प्रदेश में बिजली उत्पादन की 23 यूनिट है। इसमें से दस में केवल एक दिन का कोयला बचा है और इनसे हर दिन 2500 मेगावाट बिजली मिल रही है। इसके अलावा बाकी यूनिट में भी 2 से 4 दिन के कोयले का स्टॉक है।
– छत्तीसगढ़ में आवंटित खदान से खनन में एक बार फिर अड़ंगा लगने से परेशानी और बढ़ गई है। इससे कोयला सकंट गहरा गया।
– सीएम भजनलाल शर्मा छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय और केंद्रीय कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी को पत्र भी लिख चुके हैं।
– पावर प्लांट में हर दिन कोयले की 23 रैक की जरूरत है, लेकिन औसतन 16 रैक ही आ रही है। स्टॉक भी कम होता जा रहा है।