scriptvideo सम के धोरों पर सजी सुरमई सांझ | Sam at the Desert adorned plumbaginous Twilight | Patrika News
जयपुर

video सम के धोरों पर सजी सुरमई सांझ

जैसलमेर से करीब 45 किमी दूर सोमवार को माघ शुक्ल पूर्णिमा की सर्द शाम में
दूर-दूर तक पसरे रेत के धोरों से टकराकर लोक संस्कृति के रंगों में दिखाई
दिए। विश्व विख्यात मरू महोत्सव के तीसरे दिन सोमवार की शाम सम के रेतीले
धोरों में लोक संगीत और सूफी संगीत की सरिता बह गई। सम में आयोजित
सांस्कृतिक संध्या का आगाज महाराष्ट्र के लावणी नृत्य से हुआ।

जयपुरFeb 23, 2016 / 12:11 am

shantiprakash gour

जैसलमेर से करीब 45 किमी दूर सोमवार को माघ शुक्ल पूर्णिमा की सर्द शाम में दूर-दूर तक पसरे रेत के धोरों से टकराकर लोक संस्कृति के रंगों में दिखाई दिए। विश्व विख्यात मरू महोत्सव के तीसरे दिन सोमवार की शाम सम के रेतीले धोरों में लोक संगीत और सूफी संगीत की सरिता बह गई। सम में आयोजित सांस्कृतिक संध्या का आगाज महाराष्ट्र के लावणी नृत्य से हुआ।

इसके बाद इंडियाज गॉट टेलेंट के फाइनलिस्ट बैण्ड जयपुर बीट्स और कोक स्टूडियो के प्रसिद्ध कलाकार कुटले खां सरीखे विभिन्न कलाकारों ने अपने दलों के साथ प्रस्तुतियां दी तो समारोह हर कोई झूम उठा। कलाकारों की प्रस्तुतियों में राजस्थान की धरती की प्रसिद्ध मांड केसरिया बालम आओ नी…. को अलग अलग अंदाज में प्रस्तुत किया।

मखमली धोरों पर देश-विदेश से यहां आए पर्यटकों के हुजूम ने कैमल सफारी का लुत्फ उठाया। बड़ी संख्या में सैलानियों ने ऊट गाडिय़ों व ऊंटों पर बैठकर रेत के समुन्दर में भ्रमण का आनंद लिया।

देशी -विदेशी सैलानियों ने सम के धोरों की यादगार को अपने कैमरे में कैद किया और फोटो खिचवाए व बच्चों ने मखमली धोरों पर जमकर उछलकूद का आनन्द लिया।


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