सरिस्का के जंगल से निकलकर जयपुर पहुंचा टाइगर, दो दिन से कर रहा मूवमेंट
दिन-रात दे रहे पहराबाघ और अन्य वन्यजीवों के गांव में आने के चलते ग्रामीण दिन और रात बारी-बारी से पहरेदारी कर रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया 4-4 की टोली में घर से निकलते हैं। घर से निकलते समय हाथ में कुल्हाड़ी या डंडा जरूर रखते हैं। पहले जहां निश्चिंतता और बेफिक्री थी, अब चौबीस घंटे भय और आशंका है…पता नहीं कब, कौनसी झाड़ी में से निकलकर बाघ आ जाए!
जयपुर के करीब गांव में सात दिन से सो भी नहीं पा रहे ग्रामीण, रात भर जागकर दे रहे पहरा
सूचना बाघ की मिला जरख31 अगस्त को राहोरी में तथा एक सितंबर को चावंड का मंड गांव की लोहड़ी कोठी की ढाणी के पास बाघ आने की सूचना से अफरा-तफरी मच गई थी। वन विभाग की टीम ने मौके पर पगमार्क देखे तो जरख के होने का पता चला। सरिस्का बाघ परियोजना क्षेत्र की टाइगर मॉनिटरिंग टीम सहित चार टीमें निगरानी में जुटी हैं। बाघ के मूवमेंट के चलते अभयारण्य क्षेत्र से सटे गांवों में दहशत का माहौल है।