हनुमान चालीसा के पाठ के जरिए दिखाई अपनी कला
भरतनाट्यम गुरु निकिता मुद्गण मार्गदर्शन से सभी बच्चों ने समापन में मंच पर हनुमान चालीसा के पाठ पर भरतनाट्यम नृत्य के जरिए खास प्रस्तुति दी और भगवन हनुमान सबसे शक्तिशाली हैं यह संदेश दिया । नृत्य में तुलिदास के एक एक शब्द को परिभाषित किया गया है।
माता पिता ही ईश्वर यह संदेश के साथ दी अपनी प्रस्तुति
तबला गुरु डॉ अंकित पारीक के मार्गदर्शन में इस बार बच्चों ने तबले पर मंदिर की घंटियां बजाना सीखा और पिता व गुरु स्तुति के भाव तबले की ताल से मंच पर जाहिर किया यह संदेश दिया की माता पिता ही ईश्वर हैं और उसके बाद गुरु को प्रणाम किया । तबला सिखने से दिमाग तीव्र गति से काम करता है और ऊर्जा का स्तर भी बढ़ता है । साथ ही बच्चों ने मंच पर बच्चे शिव तांडव स्त्रोत की प्रस्तुति भी दी।
जयपुर सबसे पुराना घराना है कथक का
कथक गुरु मनस्विनी शर्मा के मार्गदर्शन से इस एक महीने में बच्चों ने कथक सिखने के साथ अच्छे संस्कार और अनुशासन भी सीखे । इस बार कथक की पारंपरिक प्रस्तुति की समझ बच्चों में डालने की कोशिश की है और वास्तविक कथक जो चला आ रहा है उसी क्रम में बच्चों ने मंच पर अपनी प्रस्तुति दी। इसके अलावा दीप जले आना’, ‘क्या हुआ तेरा वादा’ गीत गाकर सुनाए। ‘हम होंगे कामयाब’ की सामूहिक गायन प्रस्तुति देकर बच्चों ने अपने मजबूत इरादे जाहिर किए।