तीन विधेयक-तीन नजारे, सदन में 2 बार हंगामा, वैल में विपक्ष की नारेबाजी
प्रश्नकाल में विपक्ष का बहिष्कार, विधेयक पर बहस के दौरान स्थगित करनी पड़ी कार्यवाहीराठौड़ ने प्रश्न पूछा, अध्यक्ष ने रोका, वेल में नारेबाजी, भाजपा विधायकों ने सदन का बहिष्कार किया
तीन विधेयक-तीन नजारे, सदन में 2 बार हंगामा, वैल में विपक्ष की नारेबाजी
जयपुर. विधानसभा में सोमवार का दिन सुबह से ही हंगामेदार रहा। विधानसभा अध्यक्ष सी.पी. जोशी के नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ को प्रश्न पूछने से रोकने पर भाजपा विधायकों ने वैल में आकर नारेबाजी की और प्रश्नकाल का बहिष्कार किया। इसके बाद जोशी ने भाजपा विधायकों के प्रश्न पूछकर प्रश्नकाल पूरा करवाया। पहले विधेयक पर बहस के दौरान मुख्यमंत्री के सलाहकार संयम लोढ़ा की जोधपुर के बलात्कार मामले में भाजपा पर टिप्पणी से माहौल गरमाने पर विधानसभा स्थगित करनी पड़ी, तो दूसरे विधेयक पर सत्तापक्ष से कोई नहीं बोला। तीसरे विधेयक के लाभार्थी को लेकर अंगुली उठने पर कार्यवाही का हिस्सा हटवाया गया, तो सत्तापक्ष के एक विधायक ने सवाल किया कि योग वालों को लाभ और काेविड काल में जान जोखिम में डालने वालों को लाभ से वंचित रख रहे हो, क्यों?
प्रश्नकाल में विधानसभा अध्यक्ष जोशी और नेता प्रतिपक्ष राठौड़ के बीच खाद्य सुरक्षा योजना से जुड़े प्रश्न को लेकर तीखी बहस हुई। विधायक चन्द्रकांता मेघवाल के सवाल पर मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास जवाब दे रहे थे। इसी दौरान नेता प्रतिपक्ष राठौड़ ने कांग्रेस के घोषणा पत्र में खाद्य सुरक्षा योजना से संबंधित प्रावधान को लेकर पूरक प्रश्न पूछने का प्रयास किया। अध्यक्ष ने प्रश्न को अप्रासंगिक करार देकर नेता प्रतिपक्ष को रोक दिया, जिससे तकरार शुरू हो गई। राठौड़ ने बार- बार बोलने का प्रयास किया, तो अध्यक्ष ने कहा प्रश्न पूछने की अनुमति देना या नहीं देना ‘मेरा अधिकार है’। इस पर राठौड़ ने जवाब में कहा कि आपका प्रिविलेज है तो हम भी घास खोदने नहीं आए हैं। सवाल नहीं पूछेंगे क्या? आप दादागिरी करेंगे, यह क्या बात हो गई। इसके बाद नाराज होकर भाजपा विधायकों ने वैल में नारेबाजी शुरू कर दी।
अध्यक्ष ने कहा कि आसन पर आरोप नहीं सहूंगा, बाहर निकाल दूंगा। आपको जाना है तो जाइए, आपके हिसाब से नहीं चलूंगा। आप मुझे डिक्टेट नहीं कर सकते। आपको विधानसभा नहीं चलानी तो मत चलाइए। इसी दौरान भाजपा विधायक नारेबाजी करते हुए प्रश्नकाल का बहिष्कार कर सदन से चले गए।
संयम की टिप्पणी पर विपक्ष ने आपा खोया
महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ गवर्नेंस एंड सोशल साइंसेज विधेयक पर चर्चा के दौरान संयम लोढ़ा ने जोधपुर स्थित विश्वविद्यालय परिसर में नाबालिग लड़की से बलात्कार के मामले में भाजपा पर टिप्पणी की, जिस पर विपक्ष के सदस्य उत्तेजित हो गए। लोढ़ा ने कहा कि की प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष ने सदन में जोरशोर से मामला उठाया, लेकिन सब टांय टांय फिस्स हो गया…. क्या यह फिक्सिंग थी या विपक्ष इतना कमजोर है कि सरकार से जवाब नहीं ले सका। लोढ़ा ने भाजपा पर आरोप लगाया कि इनके खुद के लोग शामिल थे। इसी दौरान नेता प्रतिपक्ष सहित अन्य भाजपा विधायक वैल में नारेबाजी करते रहे, वहीं वासुदेव देवनानी जोर-जोर से चिल्लाने हुए संयम लोढा की ओर बढे। इस बीच सभापति जे पी चंदेलिया ने विपक्ष की आपत्ति को देखते हुए संयम लोढ़ा की टिप्पणी को कार्यवाही से हटाने का निर्देश दिया। मामला बढ़ते देख सभापति चंदेलिया ने दोनों पक्षों से शांत रहने को कहा, लेकिन हंगामा जारी रहने पर उन्होंने विधानसभा की कार्यवाही को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया।
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