इस बार सदन में नजर नहीं आने वाले पुराने नेताओं में भाजपा के राजेन्द्र राठौड़, अशोक लाहोटी, राजपाल सिंह शेखावत सहित कांग्रेस के रघु शर्मा, महेश जोशी, प्रताप सिंह खाचरियावास, राजकुमार शर्मा और महेन्द्र चौधरी शामिल हैं। राजपाल के अलावा शेष सभी पिछली विधानसभा के सदस्य थे। हनुमान बेनीवाल नागौर से लोकसभा सांसद रहने के दौरान ही विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की।
तीन को नहीं मिले टिकट भाजपा ने इस बार जयपुर की सांगानेर सीट से अशोक लाहोटी, और झोटवाड़ा से राजपाल सिंह को टिकट नहीं दिया। वहीं कांग्रेस ने कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे महेश जोशी को हवामहल विधानसभा क्षेत्र से इस बार टिकट से वंचित रखा। तारानगर से राजेन्द्र राठौड़, सिविल लाइंस से प्रताप सिंह खाचरियावा, नावां से महेन्द्र चौधरी और नवलगढ़ से राजकुमार शर्मा इस बार नहीं जीत पाए।
विवि है राजनीति की पाठशाला प्रदेश में सर्वाधिक विद्यार्थी संख्या वाले राजस्थान विवि को राजनीति की पाठशाला माना जाता है। यहां पूरे प्रदेश से छात्र-छात्राएं अध्ययन के लिए आते हैं। इस विवि का अध्यक्ष बनने वाले छात्र नेता के लिए विधायकी का रास्ता स्वत: ही खुला माना जाता है। हालांकि विवि के संघटक कॉलेजों सहित प्रदेश के अन्य विवि और कॉलेजों में अध्यक्ष और अन्य पदों पर रहे कई नेता इस बार भी सदन में पहुंचे हैं।