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राजस्थान तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती : खिलाड़ियों से भेदभाव, मैदान में बाजी मारने वाले नौकरी पाने की रेस में पिछड़ रहे

खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को दो प्रतिशत आरक्षण देकर सरकार ने नौकरी का सपना तो दिखा दिया लेकिन खिलाड़ियों को नौकरी के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। मामला तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती से जुड़ा है।

जयपुरDec 18, 2023 / 08:47 am

Nupur Sharma

खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को दो प्रतिशत आरक्षण देकर सरकार ने नौकरी का सपना तो दिखा दिया लेकिन खिलाड़ियों को नौकरी के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। मामला तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती से जुड़ा है।

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राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड और शिक्षा विभाग की ओर से पांच माह बाद भी खेल कोटे के अभ्यर्थियों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। सैकड़ों अभ्यर्थियाें की नियुक्ति प्रक्रिया दस्तावेज वैरिफिकेशन के नाम पर अटकी है। आलम यह है कि शिक्षा विभाग ने करीब 41 हजार अभ्यर्थियों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर ली है। इन अभ्यर्थियों ने स्कूलों में नौकरी भी शुरू कर दी। लेकिन बोर्ड और शिक्षा विभाग में तालमेल के अभाव में खिलाड़ी नौकरी पाने की रेस में पिछड़ रहे हैं। इससे खेल कोटे के अभ्यर्थियों में विरोध है।

महज 37 अभ्यर्थियों की ही नियुक्ति क्यों
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने हाल ही खेल कोटे में 37 अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी है। वहीं, शेष सैकड़़ों अभ्यर्थियों की नियुक्ति रुकी हुई है। अभ्यर्थियों का कहना है कि दस्तावेज जांच प्रक्रिया सभी की एक साथ ही पूरी होेनी चाहिए, क्योंकि खेल संघों की ओर से सभी अभ्यर्थियों का एक साथ वैरिफिकेशन होता है। लेकिन बोर्ड ने कुछेक अभ्यर्थियों की ही नियुक्ति की अनुशंसा की है। खो-खो खिलाड़ी अलवर निवासी रेखा जाट का कहना है कि ओलंपिक खेल हाेने के बाद भी नियुक्ति नहीं दी गई, लेकिन नॉन ओलंपिक खेलों के अभ्यर्थियों की नियुक्ति दे दी गई है।

कमेटी पर कमेटी, जांच पूरी नहीं
चयन बोर्ड ने अगस्त 2023 में तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती का परिणाम जारी किया। परिणाम जारी करने के साथ ही प्रोविजनल सूची जारी की, इनमें खेल कोटे के सैकड़ों अभ्यर्थियों को भी शामिल किया। बोर्ड ने सात दिन का समय देकर दस्तावेेज कमी पूरी करने के निर्देश दिए। अभ्यर्थियों ने सात दिन में दस्तावेज की कमी पूरी कर दी। लेकिन अभी तक अभ्यर्थियों को प्रोविजनल सूची से बाहर नहीं किया। वहीं, जिला और बीकानेर निदेशालय स्तर पर दस्तावेज की जांच के लिए कमेटियां बनाई गईं। कमेटियां बनाने के बाद भी दस्तावेज जांच का काम ठंडे बस्ते में है।

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खेल संघों की ओर से प्रमाण पत्रों की जांच करवाई जा रही है। जिन अभ्यर्थियों की जांच पूरी हो गई होगी उनको नियुक्ति दे दी है। जैसे ही संघों की ओर से वैरिफिकेशन पूरा हो जाएगा नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।-संजय माथुर, सचिव, राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड

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