बताया जा रहा है कि इन खानों की नीलामी के बाद और भी
बजरी खानों की नीलामी होगी। इसके लिए सभी खनिज अभियंताओं को नदियों में प्लाट चिन्हित करने के लिए कहा गया है। बजरी खानों के छोटे प्लाट बनाने से पर्यावरण अनापत्ति प्रमाण पत्र राज्य स्तर पर ही मिल जाएगा। वहीं, ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा। अधिक प्लाट होने से बजरी कारोबार पर किसी का एकाधिकार भी नहीं होगा। खानों की नीलामी 23 और 24 अक्टूबर को होगी।
छह जिलों में खानें चिन्हित
खान विभाग ने बजरी खानों की नीलामी के लिए प्लाट टोंक, भीलवाड़ा, सवाईमाधोपुर, पाली, बालोतरा,
जोधपुर, शाहपुरा जिलों में चिन्हित किए हैं। जो बनास व अन्य सहायक नदियों में हैं। इन प्लाटों की नीलामी के बाद खनन शुरू होने से जयपुर सहित आसपास के जिलों में बजरी किल्लत कम होगी। वहीं वैध बजरी मिलने से अवैध बजरी पर भी रोक लग सकेगी।
बजरी माफिया कर रहा मोटी कमाई
प्रदेश में अभी बजरी खान कम होने से इसका अवैध कारोबार चल रहा है। बजरी के जब्त स्टॉक की आड़ में अवैध रूप से बजरी निकाल कर बेची जा रही है। इसके अलावा भी बजरी माफिया अवैध खनन कर बाजार में बेच रहा है। यह बजरी जयपुर में ही 1700 से 2000 रुपए टन तक बिक रही है।