जयपुर

SMS अस्पताल में मचा हड़कंप, आदमी का कटा पैर खाता नजर आया जानवर, फैली दहशत

अस्पताल परिसर के अंदर से इंसानी पैर को मुँह में उठा कर बाहर लाया और गेट के पास बैठकर खाने लगा।

जयपुरSep 27, 2024 / 11:42 am

Manish Chaturvedi

जयपुर। एसएमएस अस्पताल में एक बार फिर बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। मानव अंग खुलेआम श्वान खाते नजर आ रहा है। हालांकि इस मामले में अस्पताल अधीक्षक ने पल्ला झाड़ लिया है। उनका कहना है कि उन्हे पता नहीं कि यह श्वान मानव अंग कहां से लेकर आया है। जिसके चलते अब यह मामला ठंडे बस्ते में जाता दिख रहा है।
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बता दें कि यह शर्मनाक मामला गुरुवार का है। जिसमें एक श्वान इंसान के पैर खाते हुए नजर आ रहा है। जानकारी अनुसार श्वान अस्पताल परिसर के अंदर से इंसानी पैर को मुँह में उठा कर बाहर लाया और गेट के पास बैठकर खाने लगा। जब लोगों ने उसे वहां से भगाने की कोशिश की तो श्वान आक्रोशित हो गया और पैर को लेकर सड़क पार आ गया। जहां उसने फिर से उसे खाने की कोशिश की। वहां मौजूद लोगों ने जब यह देखा तो मौके पर भारी संख्या में भीड़ एकत्रित हो गई।
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जब इस बारे में अधीक्षक डॉ सुशील भाटी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मेरे को रात में इसके संबंध में मालूम चला था। मैंने सिक्योरिटी गार्ड से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि यहां से श्वान कोई भी मानव अंग लेकर नहीं गया। वहीं ओटी में पूछा तो कल ऐसा कोई आॅपरेशन नहीं हुआ। ऐसे में अब यह श्वान कहां से पैर लेकर आया है, मुझे पता नहीं है।
23 जून को कटा हाथ लेकर घूम रहा था श्वान..

एसएमएस अस्पताल में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। चार महीने पहले भी ऐसी घटना सामने आई थी। 23 जून को ट्रॉमा सेंटर में भी ऐसा ही एक मामला हुआ था। तब एक व्यक्ति का कटा हुआ हाथ लेकर एक श्वान मुंह में दबाए घूमता दिखा था। इस घटना के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया था और प्रशासन ने जांच के बाद लापरवाही बरतने पर एक वार्ड बॉय को हटा दिया था।
कटे अंगों के निस्तारण की यह होती है प्रक्रिया..

बता दें कि हॉस्पिटल में अगर कोई मरीज का अंग खराब होने पर काटा जाता है तो उसके निस्तारण की एक प्रक्रिया होती है। उसे मॉर्च्युरी में रखवाया जाता है। बाद में उसे साइंटिफिक पद्धति से निस्तारित किया जाता है। लेकिन अक्सर देखने में आया है कि स्टाफ इसे डस्टबिन में फेंक देता है। फिर इसे बायोवेस्ट कचरा डिपो से डंप कर दिया जाता है। इस कारण कई बार श्वान इस तरह के मानव अंगों को लेकर हॉस्पिटल परिसर में इधर-उधर घूमते रहते हैं।

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