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कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था पर मंदी का साया मडरा रहा है, जिसके चलते निवेशकों का रुझान सॉफ्ट एसेट्स के बजाय हार्ड एसेट्स की तरफ ज्यादा है। इनमें सोना और चांदी उनकी पहली पसंद है, क्योंकि इसे संकट का साथी माना जाता है। भूराजनीतिक तनाव के कारण अनिश्चितता के माहौल ने भी निवेशकों का रुझान सोने और चांदी की तरफ बढ़ाया है। अमेरिकी डॉलर में कमजोरी के चलते सोने और चांदी की तेजी को सपोर्ट मिल रहा है। सोने के गहनों के मूल्य का 90 फीसदी तक कोरोना काल में कर्ज देने की भारतीय रिजर्व बैंक की अनुमति से घरेलू बाजार में सोने के गहनों की मांग बढ़ सकती है।
कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था पर मंदी का साया मडरा रहा है, जिसके चलते निवेशकों का रुझान सॉफ्ट एसेट्स के बजाय हार्ड एसेट्स की तरफ ज्यादा है। इनमें सोना और चांदी उनकी पहली पसंद है, क्योंकि इसे संकट का साथी माना जाता है। भूराजनीतिक तनाव के कारण अनिश्चितता के माहौल ने भी निवेशकों का रुझान सोने और चांदी की तरफ बढ़ाया है। अमेरिकी डॉलर में कमजोरी के चलते सोने और चांदी की तेजी को सपोर्ट मिल रहा है। सोने के गहनों के मूल्य का 90 फीसदी तक कोरोना काल में कर्ज देने की भारतीय रिजर्व बैंक की अनुमति से घरेलू बाजार में सोने के गहनों की मांग बढ़ सकती है।
यह भी पढ़े: सरकार ने कच्चे तेल पर टैक्स बढ़ाया, फिर भी पेट्रोल-डीजल की कीमतों में राहत 22 और 24 कैरेट सोने में अंतर
24 कैरेट सोना 99.9 प्रतिशत शुद्ध होता है और 22 कैरेट लगभग 91 प्रतिशत शुद्ध होता है। 22 कैरेट गोल्ड में 9 फीसदी अन्य धातु जैसे तांबा, चांदी, जिंक मिलाकर गहनें तैयार किया जाता है, जबकि 24 कैरेट सोना सबसे शुद्ध होने के कारण काफी लचीला और कमजोर होता है। इस कारण इसके गहने नहीं बनते है।
24 कैरेट सोना 99.9 प्रतिशत शुद्ध होता है और 22 कैरेट लगभग 91 प्रतिशत शुद्ध होता है। 22 कैरेट गोल्ड में 9 फीसदी अन्य धातु जैसे तांबा, चांदी, जिंक मिलाकर गहनें तैयार किया जाता है, जबकि 24 कैरेट सोना सबसे शुद्ध होने के कारण काफी लचीला और कमजोर होता है। इस कारण इसके गहने नहीं बनते है।