कंप्यूटर ऑपरेटर अरूण शर्मा ने बताया कि उन्हें अल्प वेतन दिया जाता है। उन्होंने कहा कि ठेकेदार की ओर से ड्राइवरों को हर महीने केवल 6,000 रुपए, चपरासी को 5,800 रुपए और कंप्यूटर ऑपरेटरों को 7,500 रुपए दिए जाते हैं। जो कि उनके कार्य के अनुसार बहुत कम है।
शर्मा ने बताया कि सरकार के नियमानुसार, एक कंप्यूटर ऑपरेटर को हर महीने न्यूनतम 9,500 रुपए वेतन मिलना चाहिए, लेकिन ठेकेदार की ओर से गड़बड़ी कर उनकी सैलरी काटी जाती है। कर्मचारियों का कहना है कि यदि उनकी मांगों को नजरअंदाज किया गया तो वे अपने आंदोलन को तेज करेंगे।
प्रदर्शनकारियों ने सरकार से अपील की है कि वे उनकी समस्याओं को गंभीरता से लें और उचित कार्रवाई करें। उन्होंने यह भी कहा कि उनके काम की गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए उचित वेतन मिलना चाहिए। यह मामला प्रदूषण नियंत्रण मंडल के प्रशासन के लिए भी चुनौती बना हुआ है।