मिथक – गर्म मौसम और नमी में नहीं फैलता कोरोना सच -विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि कोरोनावायरस कहीं भी, किसी भी क्षेत्र में फैल सकता है। इसका पर्यावरण या जलवायु से कोई संबंध नहीं है।
मिथक -गर्म पानी से नहाने पर मर जाता है कोरोना वायरस सच -गर्म पानी से नहाने के बावजूद वायरस नहीं मरता, क्योंकि शरीर का तापमान तो 36.5 से 37 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है। ऐसे में इस बात का कोई आधार नहीं है कि गर्म पानी से कोरोना मरता है।
मिथक -मच्छर काटने से भी फैलता है कोरोना वायरस सच – इसकी किसी भी मामले में पुष्टि नहीं हुई है। न्यू कोरोनावायरस एक रेस्पिरेटरी वायरस है, जो मुख्य रूप से किसी संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या किसी तरह से संपर्क में आने से फैलता है।
मिथक- हैंड ड्रायर्स से मरता है कोरोना वायरस
सच- ये सच नहीं है। मिथक -थर्मल स्कैनर से कोरोना संक्रमण का पता चलता है सच – कोरोना संक्रमण की जांच के लिए थर्मल स्कैनर का इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन डब्ल्यूएचओ का कहना है कि थर्मल स्कैनर शरीर का तापमान मापकर बुखार का पता लगा सकता है, कोरोना संक्रमित व्यक्ति का नहीं। कई बार संक्रमित को बुखार आने में 2 से 10 दिन लग जाते हैं।
सच- ये सच नहीं है। मिथक -थर्मल स्कैनर से कोरोना संक्रमण का पता चलता है सच – कोरोना संक्रमण की जांच के लिए थर्मल स्कैनर का इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन डब्ल्यूएचओ का कहना है कि थर्मल स्कैनर शरीर का तापमान मापकर बुखार का पता लगा सकता है, कोरोना संक्रमित व्यक्ति का नहीं। कई बार संक्रमित को बुखार आने में 2 से 10 दिन लग जाते हैं।
मिथक – शरीर पर अल्कोहल/क्लोरीन स्प्रे से वायरस मर जाता है सच- शरीर पर अल्कोहल या क्लोरीन स्प्रे को महज सावधानी के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन जिस व्यक्ति के शरीर में कोरोना वायरस प्रवेश कर चुका है, उसपर इसका कोई असर नहीं होता।
मिथक- पालतू जानवरों से कोरोना वायरस फैलता है सच-ऐसा कोई मामला अभी तक सामने नहीं आया, लेकिन सावधानी के तौर पर आप पालतू जानवरों को छूने से बचें और हाथ धोकर खाना खाएं।
मिथक- निमोनिया वैक्सीन कोरोना वायरस से बचा सकती है
सच- यह झूठ है। यह वायरस नया है और इसके लिए नई वैक्सीन की जरूरत है। वैज्ञानिक वैक्सीन बनाने में जुटे हैं। मिथक- सैलाइन से नाक साफ करने से बचाव होता है।
सच- यह झूठ है। यह वायरस नया है और इसके लिए नई वैक्सीन की जरूरत है। वैज्ञानिक वैक्सीन बनाने में जुटे हैं। मिथक- सैलाइन से नाक साफ करने से बचाव होता है।
सच- इस बारे में पुख्ता प्रमाण नहीं है, लेकिन लगातार सैलाइन से नाक साफ करने से बचाव की उम्मीद जरूर है। मिथक – लहसुन खाने से कोरोना संक्रमण से बच सकते हैं। सच- लहसुन खाना सेहत के लिए अच्छा होता है, लेकिन कोरोना वायरस से बचाव में इसे उपयोगी नहीं माना जा सकता।
मिथक -एंटीबायोटिक्स कोरोना वायरस के इलाज में कारगर है सचाई -कोरोना से निपटने के लिए अभी कोई दवाई नहीं मिल सकी है। ऐसे में यह बात सही नहीं है।