जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ने कहा-ये तो रोल मॉडल
शिविर का निरीक्षण करने के लिए आए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव जगतसिंह पंवार ने भी सेंटर का निरीक्षण कर सेंटर पर ठहरे लोगों से काफी देर तक चर्चा की। प्रवासी लोगों को विद्यालय परिसर में कार्य करते देख वे काफी खुश हुए। पंवार ने मजदूरों के विचार सुन उनकी तारीफ की और कहा कि यहां के सरपंच, विद्यालय स्टाफ एवं भामाशाहों के साथ ही प्रवासी लोगों की ओर से एक परिवार की तरह किया जा रहा कार्य अन्य सेंटर के लिए रोल मॉडल है।
शिविर का निरीक्षण करने के लिए आए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव जगतसिंह पंवार ने भी सेंटर का निरीक्षण कर सेंटर पर ठहरे लोगों से काफी देर तक चर्चा की। प्रवासी लोगों को विद्यालय परिसर में कार्य करते देख वे काफी खुश हुए। पंवार ने मजदूरों के विचार सुन उनकी तारीफ की और कहा कि यहां के सरपंच, विद्यालय स्टाफ एवं भामाशाहों के साथ ही प्रवासी लोगों की ओर से एक परिवार की तरह किया जा रहा कार्य अन्य सेंटर के लिए रोल मॉडल है।
श्रमिकों में अनूठा जज्बा
पलसाना शिविर के निरीक्षण के दौरान मजदूरों से बात की तो वे व्यवस्थाओं से काफी खुश नजर आए। मजूदर भी यहां कुछ करके जाना चाहते हैं। वे रंगरोगन का कार्य कर रहे हैं। मजदूरों में इस तरह का जज्बा कभी नहीं देखा।
पलसाना शिविर के निरीक्षण के दौरान मजदूरों से बात की तो वे व्यवस्थाओं से काफी खुश नजर आए। मजूदर भी यहां कुछ करके जाना चाहते हैं। वे रंगरोगन का कार्य कर रहे हैं। मजदूरों में इस तरह का जज्बा कभी नहीं देखा।
जगतङ्क्षसह, सचिव, जिला विधिक प्राधिकरण सीकर मजदूरों के व्यवहार से पूरा गांव अभिभूत
प्रशासन की ओर से सेंटर स्थापित करने के बाद प्रवासी लोगों के लिए भोजन-पानी प ठहराने की जिम्मेदारी दी गई। अब प्रवासी लोगों ने खुद कार्य करने की इच्छा जताई है तो रंग-रोगन उपलब्ध करवा दिया। इनके व्यवहार से पूरा गांव अभिभूत है।
रूपसिंह शेखावत, सरपंच, पलसाना
प्रशासन की ओर से सेंटर स्थापित करने के बाद प्रवासी लोगों के लिए भोजन-पानी प ठहराने की जिम्मेदारी दी गई। अब प्रवासी लोगों ने खुद कार्य करने की इच्छा जताई है तो रंग-रोगन उपलब्ध करवा दिया। इनके व्यवहार से पूरा गांव अभिभूत है।
रूपसिंह शेखावत, सरपंच, पलसाना
स्टाफ व जनसहयोग से हुआ संभव
विद्यालय में पिछले नौ साल से रंग-रोगन का काम नहीं हुआ। सभी शिक्षकों ने अपने वेतन से रंग-रोगन के पैसे देने के प्रस्ताव को सहमति दी। उस राशि से रंग-रोगन की सामग्री लाकर दी है। मजदूरों ने पैसे लेने से मना कर दिया है।
राजेन्द्र मीणा, प्रधानाचार्य, राउमावि पलसाना
विद्यालय में पिछले नौ साल से रंग-रोगन का काम नहीं हुआ। सभी शिक्षकों ने अपने वेतन से रंग-रोगन के पैसे देने के प्रस्ताव को सहमति दी। उस राशि से रंग-रोगन की सामग्री लाकर दी है। मजदूरों ने पैसे लेने से मना कर दिया है।
राजेन्द्र मीणा, प्रधानाचार्य, राउमावि पलसाना