जयपुर

पतंगबाजी से घायलों की बढ़ रही संख्या, अब तक 25 जने पहुंचे अस्पताल, 100 से अधिक पक्षी भी लहूलुहान

Kite Flying Injuries: अब तक सवाई मानसिंह अस्पताल में ही पतंगबाजी के 25 जने घायल हो चुके हैं। इसके अलावा आसमान में स्वच्छंद उड़ रहे पक्षियों की भी शामत आई हुई है। एक जानकारी के अनुसार अब तक करीब सौ से अधिक पक्षी लहूलुहान हालत में पक्षी चिकित्सालय पहुंचे हैं।

जयपुरJan 14, 2025 / 02:28 pm

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जयपुर। मकर संक्रांति का पर्व मंगलवार को जयपुर शहर में पूरे जोश व उमंग के साथ मनाया जा रहा है। इस पर्व के अवसर पर पूरा शहर छतों पर अटा पड़ा है। चारों तरफ वो काटा का शोर सुनाई दे रहा है। इसी पतंगबाजी के बीच घायलों की भी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अब तक सवाई मानसिंह अस्पताल में ही पतंगबाजी से 25 जने घायल हो चुके हैं। इसके अलावा आसमान में स्वच्छंद उड़ रहे पक्षियों की भी शामत आई हुई है। एक जानकारी के अनुसार अब तक करीब सौ से अधिक पक्षी लहूलुहान हालत में पक्षी चिकित्सालय पहुंचे हैं।

बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक में उत्साह चरम पर

मकर संक्रांति का त्योहार खुशियों का उल्लास लेकर आया। अलसुबह से ही आसमान रंग-बिरंगी पतंगों से सतरंगी हो उठा। शहर छतों पर आ डटा और चारों ओर वो काटा…वो मारा..का शोर गूंजने लगा। डीजे की फिल्मी धुनों के साथ ही पतंगें इठलाने लगीं। आसमान में रंग-बिरंगी पतंगों का राज हो गया। खासकर चारदीवारी क्षेत्र में परकोटे की पुरानी हवेलियों की हर छत पतंगबाजों से आबाद नजर आ रही है। छतों पर एक-दूसरे की पतंगें काटने का जुनून सिर चढकऱ बोल रहा है। लोग पतंगोत्सव का जमकर लुत्फ उठा रहे हैं।

पतंगबाजी में घायलों के लिए ट्रॉमा सेंटर में मेडिकल स्टॉफ को बढ़ाया

देशभर में मकर संक्रांति का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। राजधानी जयपुर में जबरदस्त तरीके से पतंगबाजी का नजारा देखने को मिल रहा है। लेकिन इसके साथ ही पतंगबाजी के दौरान लोगों के घायल होने के मामले भी सामने आ रहे हैं। पतंगबाजी के दौरान घायल होने वाले लोगों को एसएमएस अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में लाया जा रहा है। जहां घायलों का उपचार किया जा रहा है।

मकर संक्रांति पर मेडिकल स्टाफ को बढ़ा दिया

ट्रॉमा सेंटर के नर्सिंग इंचार्ज राकेश कुमार ने बताया कि मकर संक्रांति पर मेडिकल स्टाफ को बढ़ा दिया गया है। आर्थोपेडिक, जनरल सर्जरी, सीटीवीएस और न्यूरोसर्जन की चार टीमें लगाई गई है। सभी टीमों में दो-दो डॉक्टर्स लगाए गए है। ऐसे में 8 डॉक्टर्स 24 घंटे ड्यूटी करेंगे। ट्रोमा सेंटर पर आम दिनों में आर्थोपेडिक व जनरल सर्जरी के डॉक्टर ड्यूटी करते है। सीटीवीएस और न्यूरोसर्जन के डॉक्टर्स को आन काल बुलाया जाता है। लेकिन सीटीवीएस और न्यूरोसर्जन के डॉक्टर्स ट्रोमा में ही मौजूद है।

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