मुगलों ने किया था मंदिर पर आक्रमण, चोरों से बचाती थी नकची माता
जयपुर जिले के सिरसी रोड के निमेड़ा गांव के जयभवानीपुरा स्थित प्राचीन नकची माता मंदिर (Nakchi Mata temple) की स्थापना आठवीं व नवीं शताब्दी मेंं हुई थी, जो अब पुरातत्व विभाग के अधीन है। मुगल बादशाहों ने मुगल काल में मंदिर पर कई बार आक्रमण किया, लेकिन नकची माता के शक्ति कुंज के प्रभाव के कारण मुगल शासकों को कभी सफलता नहीं मिली।
मुगलों ने किया था मंदिर पर आक्रमण, चोरों से बचाती थी नकची माता
जयपुर। शारदीय नवरात्र में जयपुर जिले के सिरसी रोड के निमेड़ा गांव के जयभवानीपुरा स्थित प्राचीन नकची माता मंदिर (Nakchi Mata temple) में नवरात्रों में नौ दिन तक श्रद्धालुओं पूजा के लिए उमड़ते हैं। मंदिर की स्थापना आठवीं व नवीं शताब्दी मेंं हुई थी, जो अब पुरातत्व विभाग के अधीन है। मंदिर में 30 फुट ऊंचा लाल बलुआ पत्थर से निर्मित गुंबद है, जिस पर सभी देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं।
जानकारों के अनुसार मुगल बादशाहों ने मुगल काल में मंदिर पर कई बार आक्रमण किया, लेकिन नकची माता के शक्ति कुंज के प्रभाव के कारण मुगल शासकों को कभी सफलता नहीं मिली। यहां नवरात्रा व तीज त्यौहारों पर हजारों श्रद्धालु आते हैं। दूर-दराज से आस्था के केंद्र नकची माता मंदिर में श्रद्धालु मत्थाटेक, धोक लगाकर मन्नत मांगने वाला का तांता सा लगा रहता है। माता के मंदिर में बच्चों का मुंडन संस्कार, सवामणी आदि के लिए राजस्थान सहित हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों के श्रद्धालुओं की कुलदेवी के रूप में मान्यता है।
माता की मूर्तियों को खंडित कर गए थे चोर नकची माता का प्रसिद्ध मंदिर के बारे में गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि प्राचीन काल में नकची माता मंदिर विजय नगर के अतंर्गत आता था, जो अब पुरात्तव विभाग के अधीन है। इस गांव की सीमा पर जब चोर-लूटेरे प्रवेश करते तो नकची माता गांव वालों को आवाज लगाकर जगा देती, जिससे गांव में जाग होने पर चोरी होने का डर नहीं रहता था। चोर-लूटेरे नकची माता से परेशान होकर माता की मूर्ति सहित मंदिर में लगी अन्य सभी देवी-देवताओं की मूर्तियों को खंडित कर गए थे। मंदिर में लगी प्रतिमाएं आज भी खंडित हैं। राजू चौपड़ा की रिपोर्ट
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