द कुलिश स्कूल बच्चों को आज या आने वाले कुछ वर्षों के लिए नहीं बल्कि वर्ष 2050 और उस दौर के लिए तैयार करने का विजन लेकर चल रहा है, जहां बच्चे अपना भविष्य खुद गढ़ सकेंगे।
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यह सही है कि भविष्य की दुनिया आज की दुनिया की तुलना में अधिक जटिल, उन्नत और विकसित होगी। ऐसे में शिक्षा की प्रासंगिकता बनाए रखना जरूरी है। इसके लिए तकनीकी छलांग और सामाजिक-पर्यावरणीय वास्तविकता के साथ तालमेल बिठाना होगा। द कुलिश स्कूल इन्हीं बातों को ध्यान रखकर आगे बढ़ रहा है। स्कूल की ओर से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों तरह के पाठ्यक्रम शामिल किए जाएंगे।
देवाशीष चक्रवर्ती होंगे प्रिंसिपल
द कुलिश स्कूल के प्रिंसिपल शिक्षाविद् देवाशीष चक्रवर्ती होंगे। चक्रवर्ती ने अपने जीवनकाल का दो दशक से अधिक समय भारत की प्रतिष्ठित द दून स्कूल एवं मध्य एशिया के द जेम्स स्कूल में शिक्षा को सशक्त बनाने में दिए हैं। उनके अनुसार सन 2050 का परिप्रेक्ष्य बहुत बदला हुआ होगा। उसको ध्यान में रखते हुए हमने एक नवीन करिकुलम की रचना की है। हमारा मानना है कि शिक्षा से युवाओं में अनुसंधान बोध और दायित्व की भावना विकसित होती है। हमारे विद्यालय से छात्र दुनिया को अधिक शांतिपूर्ण, अंतर सांस्कृतिक सामंजस्य एवं पर्यावरणीय भलाई के लिए अनुकूल बनाने में सहायक होंगे।
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यह रहेगा कुलिश स्कूल का विजन
द कुलिश स्कूल इनोवेशन एवं ग्लोबल सिटीजनशिप पर ध्यान केंद्रित करके भविष्य के कर्णधारों को सशक्त बनाएगा। स्कूल की शिक्षा में भविष्य की शिक्षा और प्राचीन भारतीय मूल्यों का मिश्रण होगा।
शिक्षा को आनंदमय और मूल्यवान बनाने का अभियान
द कुलिश स्कूल की ओर से स्कूली शिक्षा को आनंदमय और मूल्यवान बनाने का अभियान शुरू किया गया है। शिक्षा की जटिलताओं को आकर्षक, सरल और सीधी अभिव्यक्तियों में बदलकर पाठ्यक्रम में पेश किया जाएगा। स्कूल में शिक्षा केवल एक प्रक्रिया नहीं होगी, बल्कि प्रत्येक छात्र के अधिगम, एकता और असीमित क्षमता का उत्सव होगा।
एडमिशन के लिए admission@thekulishschool.comऔर htttps://thekulishschool.com पर संपर्क करें।