समिति की रिपोर्ट तैयार, 31 अगस्त को होगा फैसला
डिप्टी सीएम डॉ. प्रेमचंद बैरवा की अध्यक्षता में बनी मंत्रिमंडलीय उप समिति ने नए जिलों की समीक्षा के लिए काम किया है। पूर्व आईएएस ललित के. पंवार की अध्यक्षता में बनी समीक्षा समिति की रिपोर्ट तैयार हो गई है, जिसे 30 अगस्त तक सरकार को सौंप दिया जाएगा। 31 अगस्त को सरकार इस पर अंतिम निर्णय लेगी कि नए जिलों में से कितनों को रखा जाएगा और कितनों को समाप्त किया जाएगा। गहलोत सरकार के फैसले पर उठे थे सवाल
पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार की ओर से 19 नए जिलों का गठन किया गया था, जिस पर भाजपा ने कड़ा विरोध जताया था। भाजपा का कहना था कि कांग्रेस सरकार ने राजनीतिक लाभ के लिए ऐसे जिले बनाए जो भौगोलिक दृष्टि से उचित नहीं थे। उदाहरण के तौर पर जयपुर और जोधपुर के दो-दो हिस्से करना और दूदू जैसे छोटे इलाके को जिला बनाना, भाजपा के अनुसार ये समझ से परे था। भाजपा नेताओं ने दावा किया कि कुछ नए जिले राजस्व रिकॉर्ड के आधार पर जिला होने के मापदंड को पूरा नहीं करते।
ये नए संभाग और जिले हुए थे स्थापित
कांग्रेस सरकार ने अपने आखिरी बजट में 3 नए संभाग बनाए थे, जिनमें पाली, बांसवाड़ा और सीकर शामिल हैं। साथ ही 19 नए जिलों में जयपुर और जोधपुर के दो-दो हिस्से किए गए थे, जिससे कुल 17 नए जिले अस्तित्व में आए थे। इन जिलों में गंगापुर सिटी, खैरथल-तिजारा, कोटपूतली-बहरोड़, दूदू, केकड़ी, ब्यावर, कुचामन-डीडवाना, शाहपुरा, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, फलौदी, बालोतरा, सांचौर, अनूपगढ़, सलुंबर, नीम का थाना और डीग-कुम्हेर शामिल हैं।
सभी की नजरें फैसले पर
भजनलाल सरकार के इस महत्वपूर्ण निर्णय पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। राज्य की जनता और राजनीतिक विश्लेषक इस फैसले का इंतजार कर रहे हैं कि क्या 17 नए जिलों का अस्तित्व बरकरार रहेगा या उन्हें समाप्त कर दिया जाएगा