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राजस्थान में फर्जी मार्कशीट बनाने वाला गिरोह सक्रिय, ऐसे हुआ बड़ा खुलासा…
जयपुर देहात मंडल अधीक्षक डाकघर मोहन सिंह मीणा ने बताया कि एक अभ्यर्थी अंकतालिका लेकर आया, जो तमिलनाडु बोर्ड की थी। जिसमें उसने तमिल भाषा में 100 में से 100 अंक हासिल किए थे। ऐसे में शक हुआ कि आखिर राजस्थान का विद्यार्थी तमिल में कैसे 100 अंक ला सकता है। इसके बाद जांच में मार्कशीट फर्जी पाई गईं। संस्कृत में 95 अंक, नहीं बता पाया श्लोक का अर्थ वहीं, फर्जी अभ्यर्थियों में शामिल एक अभ्यर्थी की 10वीं की मार्कशीट में संस्कृत विषय में 95 से ज्यादा अंक आए थे। जब उस अभ्यर्थी को अधीक्षक ने संस्कृत के एक श्लोक का अर्थ पूछा तो वह नहीं बता पाया। इसके बाद उसकी मार्कशीट का सत्यापन कराया गया तो वह फर्जी निकली।
कई राज्य हुए दस्तावेजों की जांच में सख्त बता दें कि डाक विभाग की इस भर्ती के दस्तावेज सत्यापन का काम कई राज्यों में चल रहे हैं। जयपुर में फर्जी अंकतालिकाओं का मामला सामने आने के बाद अब अन्य राज्य भी दस्तावेज सत्यापन में सतर्कता बरत रहे हैंं। सूत्रों की मानें तो यदि देशभर में इस तरह की फर्जी मार्कशीट का मामला बहुत बड़े स्तर पर सामने आता है तो इस गिरोह का खुलासा करने के लिए पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई से भी हो सकती है।