अमरनाथ यात्रा पर गए लोग भी बीच में फंसे
हिमाचल में लाहौल, शिमला, कूल्लू, मनाली और आसपास के इलाकों में भारी नुकसान की सूचनाएं हैं। इन क्षेत्रों में दो दिन तक भारी बारिश हुई है, मकान गिरे हैं। सड़कें और पूल टूटे हैं। हांलकि प्रशासन का दावा है कि फिलहाल राहत एवं बचाव कार्य बड़े स्तर पर शुरू कर दिए गए हैं। लाहौल में कैपेनिंग करने गए करीब तीन सौ पर्यटकों को सुरक्षित निकाला गया है। वही शिमला, कूल्लू, मनाली में होटलों में ही पर्यटकों को ठहराया गया है। हांलाकि वहां पर बिजली और पानी की आपूर्ति पूरी तरह से सही नहीं हो सकी है। जयपुर से अपने पांच दोस्तों के साथ गए अच्युत शर्मा के परिजनों का कहना है कि पांचों को आज वापस लौटना था ट्रेन से, लेकिन अब परसों रात से संपर्क नहीं हो पा रहा है। कुछ ऐसा ही हाल जयपुर से अमरनाथ यात्रा में गए मनोहर सिंह और उनके साथ गए जत्थे का है। सड़कें टूट जाने और आवागमन बंद हो जाने के कारण वे लोग जम्मू में फंसे हुए हैं। न आगे जा पा रहे हैं और न ही वापस आ पा रहे हैं। जयपुर से अमरनाथ यात्रा पर गए बाबूलाल शर्मा का कहना है कि आज हमकों वापस जयपुर लौट आना था लेकिन अभी तो अमरनाथ के यहीं फंसे हुए हैं। सब कुछ टूट चुका है। ब्यास नहीं उफान पर है। जो जहां है वहीं फंसा हुआ है।
भारी बारिश और भूस्खलन के चलते अधिकांश जलविद्युत परियोजनाएं प्रभावित हुई हैं और सैकड़ों करोड़ रुपये की संपत्ति नष्ट हो गई है। अधिकारियों ने बताया कि पर्यटन स्थल मनाली में फंसे 20 लोगों को बचा लिया गया है। लेकिन अभी भी अलग.अलग हिस्सों में लगभग 300 लोग फंसे हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि यूनेस्को धरोहर स्थल शिमला – कालका रेल मार्ग पर भूस्खलन के कारण कई स्थानों पर पटरियां अवरुद्ध हो गई है जिसके चलते रेल परिचालन मंगलवार तक निलंबित कर दिया गया है। वहीं, राज्यभर में शैक्षणिक संस्थानों को सोमवार और मंगलवार को बंद रखने का आदेश दिया गया है। शिमला में सबसे ज्यादा पर्यटक आता है। शिमला में ही सबसे ज्यादा हालात खराब हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि जिले में 120 से अधिक सड़कें अवरुद्ध हैं, जबकि 484 जल आपूर्ति योजनाएं प्रभावित हैं।
चंडीगढ़ – मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग कई स्थानों पर भूस्खलन और बाढ़ के कारण अवरुद्ध है। शिमला – किन्नौर सड़क भी भूस्खलन और चट्टानें गिरने के कारण यातायात के लिए बंद है। मौके पर मौजूद पुलिस अधीक्षक मयंक चौधरी ने बताया कि सभी लोग सुरक्षित हैं और उनके लिए भोजन व जरूरी दवाओं की व्यवस्था कर दी गई है। उन्होंने कहा कि सड़क बहाल होने पर उन्हें स्थिति को देखते हुए गंतव्य तक भेजा जाएगा। भारी बारिश के कारण हिमाचल सड़क परिवहन निगम के 876 बस मार्ग प्रभावित हैं और 403 बसें विभिन्न स्थानों पर फंस गई हैं। हिमाचल प्रदेश में मानसून के दौरान एक जुलाई से नौ जुलाई तक सामान्य 160.6 मिलीमीटर की तुलना में 271.5 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है, जो 69 प्रतिशत अधिक है।
सतवंत अटवाल त्रिवेदी
डीजीपी हिमाचल प्रदेश