क्या है राजयोग मेडिटेशन वैशालीनगर जोन की प्रभारी बीके चंद्रकला ने बताया कि खुद को एक शरीर नहीं बल्कि चैतन्य शक्ति आत्मा के रूप में देखने की जरूरत है तन के साथ-साथ मन पर भी ध्यान देना उतना ही आवश्यक है। ऐसा करने से हम स्वयं को बहुत हद तक तनावमुक्त रख सकते हैं। कर्म इन्द्रियों पर राज कर परमात्मा से सम्बन्ध बनाया जा सकता है। वही सम्बन्ध सबसे श्रेष्ठ और कल्याणकारी है। ज्ञान और योग के जरिए परमात्मा के साथ संबंध स्थापित करना ही राजयोग मेडिटेशन है। तनावमुक्त रहने, मेडिटेशन करने, जीवन को संतुलित बनाए रखने के लिए यह बेहद जरूरी है। सोचने की क्षमता, विचारों को सकारात्मक दिशा देने, संतुलित रखकर खुश रहने, आपस में सामंजस्य रहने की सीख दी जा रही है।
जल रही लोगों में आध्यात्म की ज्योत Spirituality संस्थान की लगभग 100 बहने आध्यात्म की लौ जगा रही है। एक दिन में सभी सेंटर पर युवाओं के साथ पांच हजार महिला व पुरुष भी आते हैं। साथ ही सत्संग, मेडिटेशन के साथ ध्यान के सत्र राजयोग मेडिटेशन सभी उम्र वर्ग के लोग करते हैं। अब तक इससे पांच लाख लोग लाभांवित हो चुके हैं।
यह हो सकते हैं फायदे -आत्मशक्ति बढ़ती है -नकरात्मकता दूर होती है -तनाव दूर होता -नशा मुक्त होता है -परिवारिक मेलजोल की भावना बढ़ाता है लोगों ने बताई अपनी कहानी
कोरोना के बाद मैं संस्थान से जुड़ी, इसके बाद से जीवन में कई बदलाव आएं शांति और सुकुन के बीच भागदौड़ भरी जिंदगी में काम करना भी आसान हो रहा है। जयपुर के वैशालीनगर सेंटर को ज्वाइन किया, अब आनलाइन भी सेशन लेती हूं।
-नेहा अस्ताना मीणा, एंटरप्रिन्योर, जॉर्ज टाउन गुयान, साउथ अमेरिका 25 साल से संस्थान से जुड़ी हैा एकाग्रता, आत्मविश्वास में बढ़ोतरी हुई है। कोर्ट में भी वकीलों के लिए दो से तीन कार्यक्र्रम आयोजित समय-समय पर आयोजित करवा जा रहे हैं। सैकड़ों जनों को इससे फायदा मिला है। अब कोरोना के बाद लोग आध्यात्मिक शक्ति में विश्वास कर रहे हैं।
-अंबिका देसाई, वरिष्ठ अधिवक्ता, राजस्थान हाइकोर्ट