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जयपुर शहर की स्थापना से पहले बसे हैं बाबा ‘ताडकऩाथ‘, ताड़ के वृक्ष होने से कहलाए ‘ताडक़ेश्वर महादेव‘

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जयपुरAug 06, 2018 / 03:01 pm

dinesh

Tarkeshwar Mahadev Ji
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जयपुर के चौड़ा रास्ता के ताडक़ेश्वर महादेव श्मशान की भूमि पर थे।

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मान्यता तो यह है कि एक बार अम्बिके श्वर महादेव मंदिर के व्यास सांगानेर जाते वक्त यहां पर रुके थे और सबसे पहले उन्होंने यह शिवलिंग देखा था।

 

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स्थापना: जयपुर शहर की स्थापना (18 नवम्बर, 1727) से पहले बाबा ताडकऩाथ थे।

 

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खासियत: ताड़ के वृक्ष होने की वजह से ताडक़ेश्वर महादेव कहलाए। जयपुर स्थापना के समय मंदिर को भव्य रूप दिया गया।

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रियासत के वास्तुविद विद्याधर की बेटी ने भी मंदिर का निर्माण कराया।

 

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मान्यता: किसी भक्त की जब मनोकामना पूरी हो जाती है तो वह यहां आकर 51 किलो दूध—घी से जलेहरी भरता है।

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