कोटा को 44वां स्थान मिला है। इंदौर ने स्वच्छता में पहला स्थान प्राप्त कर इस बार चौका मार लिया। इंदौर लगातार चौथी बार पहले स्थान पर रहा है। वहीं स्वच्छता के मामले में गुजरात का सूरत देश में दूसरे स्थान पर रहा है।
केन्द्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय की ओर से जारी स्वच्छता सर्वेक्षण परिणामों में जयपुर की स्वच्छता रैंक सुधरी है। जयपुर को पिछले साल 44वां स्थान मिला था। स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में प्रदेश के तीन शहर ही शामिल हो पाए है। इनमें जयपुर के अलावा जोधपुर और कोटा ने बाजी मारी है। जोधपुर को 29वां और कोटा को 44वां स्थान मिला है। इस बार टॉप 25 में प्रदेश का एक भी शहर शामिल नहीं हो पाया है।
एक से 10 लाख तक की आबादी वाले शहरों में पहले स्थान पर अंबिकापुर, दूसरे पर मैसूर और तीसरे स्थान पर नई दिल्ली रहा है। राजस्थान के 13 शहरों ने भी इसमें बाजी मारी है। हालांकि टॉप 100 में एक ही शहर शामिल हो पाया है, उदयपुर को 54वां स्थान मिला है।
रैंक से अधिक आत्म संतुष्टी जरूरी— निगम आयुक्त
नगर निगम जयपुर ग्रेटर आयुक्त दिनेश यादव ने कहा कि स्वच्छता सर्वेक्षण में रैंक सुधरी है, हालांकि रैंक से अधिक आत्म संतुष्टी जरूरी है। सफाई के मामले में लोगों में संतुष्टी हो।
नगर निगम जयपुर ग्रेटर आयुक्त दिनेश यादव ने कहा कि स्वच्छता सर्वेक्षण में रैंक सुधरी है, हालांकि रैंक से अधिक आत्म संतुष्टी जरूरी है। सफाई के मामले में लोगों में संतुष्टी हो।
10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में प्रदेश के तीन शहर
स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में प्रदेश के तीन शहर ही शामिल हो पाए है। इनमें जयपुर के अलावा जोधपुर और कोटा ने बाजी मारी है। जोधपुर को 29वां और कोटा को 44वां स्थान मिला है। पिछले साल (साल 2019) जोधपुर का 243वां स्थान था, वहीं कोटा का पिछले साल 302वां स्थान था। इस बार टॉप 25 में प्रदेश का एक भी शहर शामिल नहीं हो पाया है।
स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में प्रदेश के तीन शहर ही शामिल हो पाए है। इनमें जयपुर के अलावा जोधपुर और कोटा ने बाजी मारी है। जोधपुर को 29वां और कोटा को 44वां स्थान मिला है। पिछले साल (साल 2019) जोधपुर का 243वां स्थान था, वहीं कोटा का पिछले साल 302वां स्थान था। इस बार टॉप 25 में प्रदेश का एक भी शहर शामिल नहीं हो पाया है।