Sustainable fabric jewelery कपड़े से बनी अलग-अलग डिजाइन की ज्वैलरी में बनारसी, रेशम, सिल्क, और स्क्रीन प्रिंट, जॉर्जेट, प्रिंटेड कॉटन, जूट, शिफॉन, टिशू, ऑरगेंजा का फैब्रिक का इस्तेमाल किया जाता है। इससे हार्टपिन, नेकलेस, ईयररिंगस, बैंग्लस, किचेन, बच्चों के टॉयज, मास्क, हेयरपिन, पर्स, और कल्च आदि बनाते हैं। बीडेड पैटर्न स्टाइल में बनी फैब्रिक ज्वैलरी युवतियां सबसे ज्यादा पसंद की जा रही है। महिलाएं ऑफिस ड्रेसअप में इस तरह की ज्वैलरी को टीमअप कर रही हैं।
कोरोना में आया आइडिया प्रीति ने बताया लॉकडाउन में मास्क बनाने के साथ यह काम शुरू किया। लॉकडाउन में कम सोर्स के साथ जीरो से शुरूआत करना बहुत मुश्किल था। घर में वेस्ट फैब्रिक से ही मुझे यह आइडिया आया। जब काम अच्छे से चलने लगा तो इसमें आसपास की महिलाओं को काम सिखाकर अपने साथ जोड़ा। अभी उनके साथ 8 से 10 महिलाएं काम कर रही है। इसी के साथ कॉलेज के स्टूडेंट्स को भी इन्टर्नशिप करवाती है। प्रिति ने बताया कि इस काम में एक भी पुरूष नहीं है आॅनलाइन से लेकर आॅफलाइन तक सारा काम महिलाएं ही करती है।
सस्टेनबल एनवायरमेंट Sustainable fabric jewelery: यह काम सब तरह से सस्टेनबल है। ज्वैलरी को बनाने में वेस्ट फैब्रिक की कतरन का भी यूज किया जाता है इससे हमारा कोई भी सामान वेस्ट नहीं होता है। इन ज्वैलरी को आप अलग अलग तरह से इस्तेमाल कर पहन सकते हैं। यह पूरा हेंडमेड प्रोसेस है इसमें मशीन का बिल्कूल इस्तेमाल नहीं होता है। इस तरह के काम के लिए महिलाओं को घर से बाहर नहीं पड़ता है। वो घर रहकर काम और परिवार दोनों को अच्छे से सम्भाल सकती है। तो इसी सेन्स में सस्टेनबलिटी कि घर पर ही सबको काम मिल रहा है उन्हें कही जाना भी नहीं पड़ रहा है।
महिलाओं के रिव्यू Sustainable fabric jewelery फैब्रिक से बने होने की कारण यह बहुत लाइट होती है, लेकिन इन्हें कुछ इस तरह डिजाइन किया जाता है कि दिखने में हैवी लगती हैं। यही वजह है कि हर उम्र की महिलाएं इन्हें खूब पसंद कर रही हैं।
इस ज्वेलरी का रख-रखाव भी आसान है। जब भी ज्वेलरी का फैब्रिक गंदा हो तो इसे धो लें और सुखाकर फिर इस्तेमाल कर लें।
इस ज्वेलरी का रख-रखाव भी आसान है। जब भी ज्वेलरी का फैब्रिक गंदा हो तो इसे धो लें और सुखाकर फिर इस्तेमाल कर लें।