जयपुर

Photos: कभी तीन किलोमीटर दूर से हो जाया करते थे जयपुर के इस ‘सूर्य‘ मंदिर के दर्शन

कभी तीन किलोमीटर दूर से हो जाया करते थे इस ‘सूर्य‘ मंदिर के दर्शन

Jan 24, 2018 / 02:43 pm

dinesh

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राजधानी जयपुर में गलता जी की पहाड़ी पर स्थित है भगवान ‘सूर्य नारायण‘ जी का प्राचीन सूर्य मंदिर। यहां बड़ी संख्या में टूरिस्ट भी घूमने आया करते है।

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पहाड़ी पर स्थित यह मंदिर दक्षिण मुखी है। पहले यहां आठ इंच की अष्टधातु निर्मित भगवान सूर्य नारायण की आकर्षक प्रतिमा स्थापित थी।

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इस प्राचीन मंदिर की स्थापना जयपुर के संस्थापक सवाई जयसिंह ने करवाई थी। उस समय बसावट नहीं होने से इस मंदिर के दर्शन सिटी पैलेस से ही हो जाते थे। सिटी पैलेस मंदिर से करीब तीन किलोमीटर की दूरी पर है। लेकिन अब जयपुर इमारतों का शहर बन चुका है अत:अब वहां से मंदिर के दर्शन संभव नहीं है।

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सूर्य सप्तमी पर्व यहां धूमधाम से मनाया जाता है। सूर्यदेव की आरती के बाद गलता घाटी से सप्त घोड़ों से सुसज्जित भगवान सूर्य की रथयात्रा निकाली जाती है।

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रिसायत काल में यह आयोजन यहां पर राजपरिवार की ओर से होता था। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग इस शोभायात्रा में शामिल होते थे और जगह—जगह पूजा की जाती थी।

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जयपुर की स्थापना के समय सुरक्षा की दृष्टि से पूर्व दिशा की ओर से बनाए गए दरवाजे का नाम भी भगवान सूर्य के नाम पर ‘सूरजपोल‘ रखा गया था।

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दीवान कृपाराम द्वारा निर्मित उच्चतम चोटी के शिखर पर बना भगवान सूर्य नारायण जी का यह मंदिर शहर के सारे स्थानों से दिखाई पड़ता है।

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मंदिर से गुलाबी नगरी का विहंगम नजारा देखने को मिलता है।

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शहर की ओर से यहां पर उगते हुए सूर्य को देखना काफी आकर्षक लगता है।

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यहां गलता घाटी में बन्दर काफी संख्या में है। इसलिए इस घाटी को मंकी वैली के नाम से भी जाना जाता है।

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