इस दिन पावन नदियों में स्नानकर सूर्योपासना एवं व्रत किया जाता है। भविष्योत्तर पुराण के अनुसार सूर्य षष्ठी पर सूर्य पूजन, गंगा स्नान एवं दर्शन तथा पंचगव्य सेवन से अश्वमेध यज्ञ के समान फल प्राप्त होता है। इस दिन व्रत रखनेवालों को दिन में केवल एक बार अलोना— नमक रहित— भोजन ही ग्रहण करना चाहिए।
पुरुषों के लिए सूर्य की यह पूजा लाभदायक– सूर्य षष्ठी के दिन सुबह पावन जल में स्नान करने के पश्चात उगते हुए सूर्य की आराधना करनी चाहिए। भगवान सूर्य को अर्ध्य दें। पूजा घर में शुद्ध घी से दीपक जलाएं और विधिपूर्वक भगवान सूर्य का पूजन करें। जरूरतमंदों को अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान दें। सूर्य षष्ठी व्रत में गायत्री मंत्र का जाप भी करते हैं। विशेषकर पुरुषों के लिए सूर्य की यह पूजा लाभदायक है, उन्हें तेजस्वी बनाएगी।