लगातार आ रही थी शिकायतें
एक ओर जहां सरकार लाखों रुपए खर्च कर जगह-जगह टॉयलेट का निर्माण करवा रही है, ताकि खुले में टॉयलेट नहीं जाना पड़े। वहीं दूसरी ओर राजधानी में ही महिलाओं से शुल्क वसूल कर उनके साथ दोहरा व्यवहार किया जा रहा है। राजस्थान पत्रिका के पास कई दिनों से यह शिकायत आ रही थी, जब इसकी पड़ताल की तो हकीकत सामने आई।
एक ओर जहां सरकार लाखों रुपए खर्च कर जगह-जगह टॉयलेट का निर्माण करवा रही है, ताकि खुले में टॉयलेट नहीं जाना पड़े। वहीं दूसरी ओर राजधानी में ही महिलाओं से शुल्क वसूल कर उनके साथ दोहरा व्यवहार किया जा रहा है। राजस्थान पत्रिका के पास कई दिनों से यह शिकायत आ रही थी, जब इसकी पड़ताल की तो हकीकत सामने आई।
दिव्यांगों के लिए बना स्पेशल टॉयलेज है अनुपयोगी: जवाहर सर्किल स्थित सुलभ कॉम्पलेक्स में दिव्यांगों के स्पेशल टॉयलेट तो बना दिया गया है
लेकिन वह उनके उपयोग नहीं आ पाता। क्योंकि रैम्प जिस तरफ बनाई गई है वहां दरवाजा खुलता है, जगह इतनी कम होती है कि व्हीलचेयर ले जाना मुश्किल है। दिव्यांग महिला टॉयलेट को रास्ता ऊंचा-नीचा होने की वजह से वहां व्हीलचेयर जा ही नहीं सकती।
केस 1: जवाहर सर्किल
यहां दो टॉयलेट बने हैं, दोनों ही जगह पांच रुपए शुल्क मांगा गया। जब उनसे कहा कि पुरुषों से तो रुपए लिए ही नहीं जा रहे महिलाओं से क्यों लिए हैं। तो उनका कहना था कि पुरुषों के लिए शौचालय और टॉयलेट अलग हैं। महिलाओं के लिए एक ही हैं। इसलिए उनसे शौचालय का शुल्क लिया जाता है।
यहां दो टॉयलेट बने हैं, दोनों ही जगह पांच रुपए शुल्क मांगा गया। जब उनसे कहा कि पुरुषों से तो रुपए लिए ही नहीं जा रहे महिलाओं से क्यों लिए हैं। तो उनका कहना था कि पुरुषों के लिए शौचालय और टॉयलेट अलग हैं। महिलाओं के लिए एक ही हैं। इसलिए उनसे शौचालय का शुल्क लिया जाता है।
केस 2: इंद्रा बजार, परकोटा
परकोटा स्थित इंद्रा बाजार में मेंटीनेंस के नाम पर महिलाओं से बतौर टॉयलेट शुल्क पांच रुपए लिया जाता है। कर्मचारियों से जब पैसे लेने के बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि सुलभ कॉम्पलेक्स का भी ठेका उठता है। उसकी भरपाई के लिए टॉयलेट का शुल्क लिया जाता है। नहीं तो हमारा काम कैेसे चलेगा।
पुरुष हो या महिला दोनों के लिए यहां लघुशंका की सुविधा निशुल्क हैं। यदि कहीं महिलाओं से शुल्क वसूला जा रहा है तो इस मामले को दिखवाते हैं।
-सुरेंद्र गिरी, कंट्रोलर, सुलभ इंटरनेशनल, राजस्थान
-सुरेंद्र गिरी, कंट्रोलर, सुलभ इंटरनेशनल, राजस्थान