वहीं अभी तक की जांच में सामने आया कि लॉरेंस विश्नोई और रोहित गोदारा गैंग के राजस्थान में सक्रिय विरेंद्र ने ही शूटरों से संपर्क किया था। उसने नितिन और रोहित राठौड़ को यह टास्क दिया था। नितिन को गोगामेड़ी के बारे में जानकारी नहीं थी। उसे घटना के दिन ही फोटो बताई गई थी। उसे बस यही बताया था कि एक बड़ी वारदात करनी है।
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वहीं पुलिस आरोपियों को लेकर जयपुर रवाना हो गई है। पूछताछ में खुलासा होगा कि लॉरेंस विश्नोई और रोहित गोदारा के अलावा और कौन शामिल है। मामले में आनंदपाल की बेटी चीनू की भूमिका भी बताई जा रही थी, जिसने एक दिन पहले खुद चीनू ने गलत बताया था। डीजीपी उमेश मिश्रा ने नेतृत्व में शूटरों को पकड़ने में जयपुर कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ व आईपीएस दिनेश एमएन की प्रमुख भूमिका रही। डीजीपी ने बताया कि गिरफ्तार नितिन फौजी सेना का जवान है। वहीं दूसरा शूटर मकराना निवासी रोहित राठौड़ कुछ दिन पहले ही हथियारों के साथ पकड़ा था। यह भी पढ़ें