ड्राइवर ने बताया कि घटना वाले दिन वह पत्नी के साथ अस्पताल गया था। इस दौरान उसके परिचित का फोन आया कि दो सवारियों को सुजानगढ़ छोड़ना है। इसके बाद मैं अपनी पत्नी को घर छोड़कर उनके पास पहुंचा। जहां फोन करने वाला युवक, एक मेरा परिचित और दो अन्य युवक भी थे। इसके बाद हम सुजानगढ़ की तरफ रवाना हो गए। इस बीच दोनों लड़कों ने लाडनू पुलिया के पास किराए के 1500 रुपए भी दिए। इसके बाद वे कभी चूरू, कभी सालासर तो कभी हिसार छोड़ने की बात कर रहे थे।
इस पर मैंने कहा कि हिसार छोड़ने पर ज्यादा किराया लगेगा। उन्होंने 10 से 15 हजार रुपए देने की बात कही, लेकिन मैंने मना कर दिया। इसके बाद हम सुजानगढ़ के लिए रवाना हो गए। वहां बस स्टैंड पर दोनों युवक उतरे और दिल्ली-नोखा लिखी बस के ड्राइवर से बातचीत करने लगे। मुझे इस बात का बिल्कुल भी आभास नहीं हुआ कि वे किसी की हत्या करके आए हैं। वे काफी फ्रेंडली बातचीत कर रहे थे। वहीं सुबह जब मैंने घटना का वीडियो देखा तो पता चला कि ये दोनों युवक वही हैं, जिन्हें मैं रात को सुजानगढ़ छोड़कर आया था। इसके बाद मैंने परिजनों को इसकी जानकारी दी तो उन्होंने पुलिस से बात करने की बात कही। इसके बाद मैंने पुलिस की मदद के लिए सारा घटनाक्रम बताया। पुलिस ने बताया कि दोनों हमलावरों की पहचान रोहित राठौड़ और नितिन फौजी के रूप में की गई है।