जानकारी के अनुसार घटना के फौरन बाद सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को मानसरोवर स्थित एक अस्पताल में ले जाया गया, जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया। फायरिंग की इस घटना में गोगामेड़ी का एक गनमेन सहित दो लोग भी घायल बताये गए हैं।
कई बार चर्चा में रहे सुखदेव सिंह गोगामेड़ी–
– 2013 में ज्वाइन की थी करणी सेना
सुखदेव सिंह गोगामेडी राजपूत समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाली श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष थे। सबसे पहले वर्ष 2013 में करणी सेना ज्वाइन की और अभी तक यह इस संगठन में जुड़े हुए थे। गोगामेडी खासतौर से राजपूत समाज और हिंदू समुदाय से जुड़े मुद्दों को उठाने के दौरान चर्चा में रहते थे।
— आनंदपाल एनकाउंटर के बाद विरोध का किया नेतृत्व
साल 2017 में राजस्थान के गैंगस्टर आनंदपाल के एनकाउंटर के बाद गोगामेड़ी के नेतृत्व में करणी सेना ने सांवराद गांव में आंदोलन किया था। शव को रखकर सरकार से कई मांगे की गई थीं।
— बलात्कार का लगा आरोप, फिर झूठा निकला
वर्ष 2017 में हनुमानगढ़ जिले में रहने वाली एक महिला ने सुखदेव सिंह गोगामेड़ी पर बलात्कार और जबरदस्ती का आरोप लगाते हुए पुलिस एफआईआर दर्ज की थी। पीड़िता ने आरोप में कहा था कि सुखदेव ने उन्हें बहला-फुसलाकर जयपुर के कई अलग-अलग जगह पर उनके साथ बलात्कार किया। हालांकि बाद में यह आरोप झूठा साबित हुआ था।
— कार हादसे में हुए थे घायल
साल 2017 के दिसंबर महीने में मध्य प्रदेश जाते समय सुखदेव सिंह गोगामेडी की कार पलट गई थी। इस हादसे में इन्हें मामूली चोट आई थी। सुखदेव सिंह गोगामेडी मध्य प्रदेश के शाहजहांपुर में आरक्षण के खिलाफ एक सभा को संबोधित करने जा रहे थे। इसी दरमियान इनकी गाड़ी के सामने नीलगाय आ गया जिससे गाड़ी पलट गई। इस हादसे में उनके पैर में फ्रैक्चर हुआ था। इस हादसे में इनके साथ राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष योगेंद्र सिंह कटार, महिला संरक्षक सुशीला राठौड़, अलवर महिला जिला अध्यक्ष सीमा सिंह और कुछ निजी गार्ड मौजूद थे।
— फिल्म पद्मावती का किया था विरोध
साल 2018 के जनवरी महीने में सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के नेतृत्व में करणी सेना ने देश के कई सिनेमा हॉल में तोड़फोड़ की थी। यह तोड़फोड़ संजय लीला भंसाली की विवादित फिल्म पद्मावती के खिलाफ की गई थी। सुखदेव सिंह गोगामेडी और राजपूत तथा अन्य हिंदू संगठनों का आरोप था कि इस फिल्म में पद्मावती के चरित्र का गलत चित्रण किया गया है। फिल्म का विरोध होने के बाद संजय लीला भंसाली ने अपनी फिल्म में कई बदलाव भी किए थे। फिल्म की रिलीज के दिन यानी कि 25 जनवरी 2018 को भारत देश के कई राज्यों में जनता कर्फ्यू लगाया गया था। इस फिल्म के विरोध में गुड़गांव, हैदराबाद, गुजरात, बिहार, जम्मू, करनाल, कुरुक्षेत्र, नोएडा, मुजफ्फरनगर, मेरठ, लखनऊ, और सूरत आदि जगह पर तोड़फोड़ की गई थी। फिल्म पद्मावती के विरोध में करणी सेना ने जनवरी के महीने में साल 2018 में चित्तौड़गढ़ किले को भी बंद रखा था। इस बंद में हिंदू समुदाय के अन्य समाज भी करणी सेना के साथ थे।
— टीवी सीरियल का भी किया था विरोध
जोधा अकबर सीरियल के समय में भी सुखदेव गोगामेड़ी के नेतृत्व में करणी सेना ने काफी हंगामा किया था। करणी सेना का आरोप था कि इस फिल्म में राजपूतों का अपमान किया जा रहा है। क्योंकि जोधाबाई राजपूत नहीं थी। वह एक पारसी की लड़की थी। करणी सेना ने एकता कपूर से प्रेस कांग्रेस करवा कर कहलवाया था कि वह इस में किसी की भी भावनाओं से खिलवाड़ नहीं करेगी। इस सीरियल का विरोध चंडीगढ़ में भी हुआ था जहां पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था।